Bihar News: शारीरिक संपर्क से फैलती है मंकीपॉक्स बीमारी, लक्षण दिखते ही हो जाएं अलर्ट, जानें इसका इलाज

Monkeypox in Bihar: cfz का कोई संदिग्ध मरीज सामने आता है, तो इसकी जांच कर तत्काल सिविल सर्जन को सूचना दें. सूचना मिलते ही टीम को सैंपल कलेक्ट करने केलिए भेजा जायेगा.

By Prabhat Khabar | July 26, 2022 1:16 PM

पटना. मंकीपॉक्स का केस मिलने के बाद सोमवार को पटना में भी इसको लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गयी. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन को पटना के सिविल सर्जन डॉ कमल किशोर राय ने सभी चिकित्सा प्रभारियों को भेज दिया है. साथ ही उन्होंने पत्र लिख कर उन्हें अलर्ट किया है. पत्र में सिविल सर्जन ने कहा है कि चिकित्सा प्रभारी अपने स्तर से एएनएम, जीएनएम, आशा कार्यकर्ता को मंकीपॉक्स से जुड़ी ट्रेनिंग देंगे, ताकि वे इसके लक्षणों के आधार पर इसकी पहचान कर सकें. अगर मंकीपॉक्स का कोई संदिग्ध मरीज सामने आता है, तो इसकी जांच कर तत्काल सिविल सर्जन को सूचना दें. सूचना मिलते ही टीम को सैंपल कलेक्ट करने केलिए भेजा जायेगा.

पटना में हो सकती है इसकी जांच

आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि हमारे संस्थान में अत्याधुनिक वायरोलॉजी लैब है, जहां किसी भी तरह के वायरस की पहचान की जा सकती है. उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स भी वायरस से फैलने वाली बीमारी है. इसका दूसरे वायरस से संबंधित बीमारियों की तरह कोई अलग से इलाज नहीं है. इसका इलाज लक्षणों के आधार पर ही होता है. मरीज तुरंत ठीक नहीं होते हैं. यह चिकेनपॉक्स या स्मॉल पॉक्स की तरह है. इसमें जान नहीं जाती, लेकिन मरीज को कष्ट ज्यादा होता है. यह एक संक्रामक बीमारी है, इसलिए इससे बचने के लिए अभी अनावश्यक यात्राएं नहीं करें. वह कहते हैं कि यह बीमारी शारीरिक संपर्कों से फैलती है. संक्रमण होने के बाद बुखार, चकत्ते, लाल दाने शरीर पर दिखते हैं और इसके कारण शरीर में लहर या चुभन जैसा एहसास होता है.

14 से 21 दिनों में ठीक होते हैं मरीज

मंकीपॉक्स का वायरस स्मॉलपॉक्स फैमिली का है. 1958 में इसकी पहचान बंदरों में हुई थी. इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स पड़ गया. आमतौर पर मंकीपॉक्स इंसानों में 14 से 21 दिनों में ठीक हो जाता है.

मंकीपॉक्स का क्या है इलाज

मंकीपॉक्स को लेकर कोई विशेष इलाज उपलब्ध नहीं है. लेकिन कुछ दवाएं हैं, जो इसके लक्षणों में राहत देती हैं. इसलिए डॉक्टरी सलाह पर ही इसका इलाज हो सकता है.

इस तरह फैलता है मंकीपॉक्

01. संक्रमित के कपड़े, तौलिया या बेड के इस्तेमाल करने से

02. संक्रमित व्यक्ति के फफोले या उसकी त्वचा को छूने से

03. संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से भी

मांकीपॉक्स के ये हैं लक्षण

  • सिरदर्द

  • बुखार

  • सर्दी

  • मांसपेशियों में दर्ज

  • लाल चकते

  • गले में सूजन

  • थकावट

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