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चित्रकुट से आये थे जड़ी- बूटी बेचकर पैसा कमाने, पल भर में उजड़ी दुनिया

मधुबनी : यूपी चित्रकूट जिला के भरतकूप निवासी साठ वर्षीय धर्म सिंह के आंख शून्य में था. न तो आंसू निकल रहे थे और न ही वह कुछ बोल रहा था. बस पोस्टमार्टम हाउस के बरामदे की ओर देख रहे थे. मानों इन्हें लग रहा हो कि बरामदे पर प्लास्टिक में बंधे शव जी उठेगा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 10, 2020 12:20 AM

मधुबनी : यूपी चित्रकूट जिला के भरतकूप निवासी साठ वर्षीय धर्म सिंह के आंख शून्य में था. न तो आंसू निकल रहे थे और न ही वह कुछ बोल रहा था. बस पोस्टमार्टम हाउस के बरामदे की ओर देख रहे थे. मानों इन्हें लग रहा हो कि बरामदे पर प्लास्टिक में बंधे शव जी उठेगा और इनके साथ हो लेगा. पर मौत की सच्चाई भला कब टला है जो आज टल जाता. अगल बगल में परिवार के अन्य सदस्य भी थे.

पर सब खामोश. सबको मात्र शव को लेकर अपने गांव जाने की चिंता थी. दरअसल बुधवार की रात जयनगर- दरभंगा एनएच पर डीबी कॉलेज के समीप सड़क दुर्घटना में धर्मसिंह के परिवार के चार लोग एक साथ मौत के मुंह में चले गये, जबकि तीन लोग मौत व जिंदगी से जूझ रहे हैं.
धर्मसिंह बताते हैं कि उनके परिवार का सड़क किनारे तंबू लगाकर दवा बेचने का धंधा है. पूरा परिवार बिहार में बीते सात दिन से अलग अलग जगहों पर धंधा करते हुए दो दिन पहले ही कलुआही पहुंचे थे. यहां आने के बाद समुदाय के अन्य लोग जो जयनगर में यही धंधा करते हैं, उन लोगों ने कहा कि जयनगर में धंधा का विकल्प है, अच्छी आय हो जायेगी आ जाओ. बात करने के बाद एक बोलेरों में परिवार के आठ सदस्य कलुआही से जयनगर जा रहे थे. पर उपर वाले को तो कुछ और ही मंजूर था.
किसे पता था कि जिन लोगों को जयनगर में रोजगार के लिये जगह तलाश करने के लिये भेज रहे हैं, वे भगवान के घर ही चले जायेंगे. बहुत ही धीमी आवाज में धर्मसिंह बताते हैं ‘ आये थे रोजी रोटी की तालाश में पर एक ही पल में बुधवार की स्याह रात ने परिवार उजार दिया’. इन शब्दों को बोलते हुए 60 वर्षीय धर्म सिंह की आंखें नम हो गयी और अपने अन्य परिजनों द्वारा ढांढस बंधाये जाने पर आसमान की ओर देखने लगे.
पत्नी सहित चार लोगों की हुई मौत . धर्म सिंह के सामने 55 वर्षीय पत्नी माला वाई, 22 वर्षीय पुत्र वधु राधिका वाई व 10 वर्षीय पौत्री जमुना वाई एवं उसकी 1 वर्षीय छोटी पुत्री जिसका नामकरण भी नहीं हुआ था का शव रखा था. वहीं 24 वर्षीय पुत्र रंजीत सिंह पीएमसीएच में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है. जबकि दामाद बलन सिंह व परिजन चेलू सिंह डीएमसीएच में इलाजरत है.
उजड़ गया परिवार. बुधवार की शाम धर्म सिंह का 24 वर्षीय पुत्र रंजीत सिंह अपनी माता, पत्नी, बहनोई व एक अन्य परिजन के साथ कलुआही से अपनी बोलेरो गाड़ी बीआर 06 डी 7216 से जयनगर में पहले से रह रहे अपने रिश्तेदार से मिलने के लिए निकला. इस बीच कलुआही – जयनगर मुख्य पथ पर दुल्लीपट्टी गांव से पहले विपरित दिशा से आ रही ट्रक की आमने सामने की टक्कर हो गयी.
जिसमें बोलेरों में सवार सभी सात व्यक्ति घायल हो गये. जिसके बाद तत्काल सभी घायलों को इलाज के लिए अनुमंडलीय अस्पताल जयनगर लाया गया. जहां मालावाई, जमुनावाई व एक वर्षीय बच्ची की मृत घोषित कर दिया गया.
वहीं राधिका वाई, रंजीत सिंह, बलन सिंह व चेलू सिंह को सदर अस्पताल रेफर किया गया. सदर अस्पताल से सभी घायल को बेहतर चिकित्सा के लिए डीएमसीएच रेफर किया गया. जहां राधिका वाई की मौत डीएमसीएच में हो गयी. वहीं रंजीत सिंह की स्थिति सामान्य नहीं होने के कारण उसे पीएमसीएच भेज दिया गया. जबकि बलन सिंह व चेलू सिंह का डीएमसीएच में इलाज जारी है. इधर बुजुर्ग धर्म सिंह अपने परिजनों का पोस्टमार्टम के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए चित्रकुट ले गये.

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