नाबालिग के हाथ में अधिकतर इ-रिक्शा की स्टेयरिंग

मधुबनी : नये ट्रैफिक नियम के लागू होने से जहां बाईक चालक, चार पहिये वाहन मालिक बेहाल हैं, वहीं इस नियम के लागू होने के बाद भी जुगाड़ गाड़ी व इ- रिक्शा सड़क पर फर्राटे भर रहा है. मानों चार पहिये वाहन मालिक व विभागीय अधिकारी का माखौल उड़ा रहा है. खतरनाक तरीके से जुगाड़ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 13, 2019 1:28 AM

मधुबनी : नये ट्रैफिक नियम के लागू होने से जहां बाईक चालक, चार पहिये वाहन मालिक बेहाल हैं, वहीं इस नियम के लागू होने के बाद भी जुगाड़ गाड़ी व इ- रिक्शा सड़क पर फर्राटे भर रहा है. मानों चार पहिये वाहन मालिक व विभागीय अधिकारी का माखौल उड़ा रहा है. खतरनाक तरीके से जुगाड़ गाड़ी पर सरिया, सामान की ढुलाइ हो रहा है.

पर इनको किसी कानून का डर नहीं है. अब तक इनके लिये कोइ आदेश नहीं आया है. इनके लिये न तो प्रदूषण की जांच मायने रखता है, न हेलमेट और न सीट बेल्ट की जरूरत. कहने का मतलब यह कि कागजात से लेकर किसी ऐहतियात की इन्हें आवश्यकता नहीं है. हेलमेट, प्रदूषण सर्टिफिकेट सहित अन्य सार्टिफिकेट के नाम पर भारी जुर्माना वसूला जा रहा है. वहीं शहर में चल रहे अन्य गाड़ी पर कोई नियम नहीं लागू हो रहा है. चाहे वह शहर में चलने वाले ई रिक्शा, टेंपू या चार चक्का वाहन हो, सभी शहर में ट्रैफिक रूल को धत्ता बताते हुए बड़ी ही शान से चल रही है.

ई रिक्शा से टूट रहा कानून व्यवस्था. ई रिक्शा के लिए कोई नियम नहीं रहने के कारण शहर में ई रिक्सा की अप्रत्याशित बढोतरी हुई है. जिससे शहर की स्थिति भयावह बनती जा रही है. शहर में करीब एक हजार ई- रिक्शा चल रहा है. अधिकांश इ- रिक्शा नाबालिग द्वारा इसका परिचालन किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर इसका कोई व्यवस्थित परिचालन नहीं होने से शहर में हमेशा जाम की स्थिति बन जाती है. सड़क पर ई रिक्सा द्वारा अव्यवस्थित तरीके से लगा देने से लोगों को आवाजाही में परेशानी होती है. लेकिन नये नियम के अनुसार परिवहन विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.

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