श्रीकृष्ण ने दिया है निष्काम कर्म का संदेश : प्रधानाचार्य
श्रीकृष्ण ने दिया है निष्काम कर्म का संदेश : प्रधानाचार्य
मधेपुरा. ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय, मधेपुरा में सोमवार को श्रीमद्भागवदगीता का कर्मयोग विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. मौके पर मुख्य अतिथि प्रधानाचार्य प्रो कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि श्रीमद्भागवदगीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को निष्काम कर्म की संदेश दिया है. यह संदेश आज भी प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि महाभारत के युद्ध में अर्जुन मोहग्रस्त होकर सोचने लगा कि अपने गुरुजनों व परिजनों पर कैसे वाण चलाएं. इस तरह वह अपने स्वधर्म से पलायन कर रहा था. श्रीकृष्ण ने उसे धर्मच्युत होने से बचाया और फल की चिंता किये बगैर कर्म करने का उपदेश दिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ सुधांशु शेखर ने की. उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण का संदेश हमें निष्काम कर्म करने को प्रेरित करता है. हमें इसे अकर्मण्यता नहीं समझना चाहिए. श्रीकृष्ण का मानना है कि यह संसार एक कर्मभूमि है. यहां हम चाहकर भी कर्मविमुख नहीं हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि निष्काम कर्म का अर्थ कर्मों के परिणाम से आसक्ति नहीं रखते हुए कर्म करना है. जब हम लोभ व भय आदि से मुक्त होकर, ईश्वर को समर्पित भाव से कार्य करते हैं, तो हम कर्मफल के बंधन से मुक्त हो जाते हैं. समारोह में महाविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ गौरव कुमार व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रागिनी ने भी विचार व्यक्त किये. कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मनोज कुमार ठाकुर और धन्यवाद ज्ञापन असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शहरयार अहमद ने किया. मौके पर अंजली कुमारी, श्वेता कुमारी, सिफन कुमारी, मनीता कुमारी, प्रतिभा कुमारी, गोलू कुमारी, पुष्पा कुमारी, नविता कुमारी, गुंजन कुमारी, रितु कुमारी, सिंपल कुमारी, निशु कुमारी, कार्तिक कुमार, विशाल कुमार, मो इमरान, निधि कुमारी, साजन कुमारी, चंदन कुमार आदि उपस्थित थे.
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