अधर में लटका है स्वच्छ शहर का सपना

मधेपुरा : शहर को सुंदर व खूबसूरत बनाने को लेकर नगर परिषद द्वारा तमाम दावे पिछले छह महीने से किये जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर अभी तक कोई काम शुरू नहीं हो पाया है. गौरतलब है कि शहर में ड्रेनेज सिस्टम का काम शुरू होने के की बात पिछले कई महीनों से कहीं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2020 7:24 AM

मधेपुरा : शहर को सुंदर व खूबसूरत बनाने को लेकर नगर परिषद द्वारा तमाम दावे पिछले छह महीने से किये जा रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर अभी तक कोई काम शुरू नहीं हो पाया है.

गौरतलब है कि शहर में ड्रेनेज सिस्टम का काम शुरू होने के की बात पिछले कई महीनों से कहीं जा रही है, लेकिन सरकार के सुस्त रवैये के कारण यह काम अभी भी अटका पड़ा है. बताते चले मधेपुरा में नमामि गंगे परियोजना के तहत बुडको कंपनी के द्वारा सीवरेज नेटवर्क का काम शुरू किया जाना था. इसमें कुल लागत 68.67 करोड़ की लागत से शहर में नौ किमी नाले का निर्माण होने की बात कही गयी थी.
इसके लिये बुडको को कई महीने पहले टेंडर भी दे दिया गया है. साथ ही इस योजना के तहत मधेपुरा में दो एसटीपी प्लांट का निर्माण होना है, जहां गंदे पानी को रिसाइकल करके पीने योग्य बनाये जाने की बात कही जा रही है. निर्माण के लिए दो जगहों का चुनाव आज से लगभग छह माह पूर्वी कर लिया गया था.
इसमें पहले एसटीपी का निर्माण वार्ड नंबर एक में लगभग एक एकड़ के क्षेत्रफल में व दूसरा वार्ड नंबर 26 में दो एकड़ के क्षेत्रफल में निर्माण होगा. इसकी कुल अनुमानित लागत 80 करोड़ तक हो सकती है, लेकिन अभी तक प्लांट बनाने को लेकर कोई कवायद शुरू नहीं हो पायी है. नये बन रहे ड्रेनेज सिस्टम में वर्षा की पानी सड़क या गलियों में न लगे इसका खासा ख्याल रखा जायेगा.
साथ ही इसके बनने से जलजमाव और नाली की लीकेज जैसी रोजमर्रा की समस्या से मधेपुरा वासियों को छुटकारा मिल जायेगा. सीवरेज नेटवर्क के साथ हाउस कनेक्शन, आरसीसी, डब्ल्यूसीसी, पाइप लाइन, मैनहॉल ढंकने के साथ कई कार्य एक साथ किये जाने की बात की जा रही है.
39 एमएलडी तक पानी शोधित करने की होगी क्षमता : शहर में बन ने वाले एसटीपी पॉइंट पर 39 एमएलडी पानी को प्रतिदिन शोधित करने की क्षमता होगी. इस बाबत अधिकारियों ने बताया कि भविष्य को ध्यान में रखते हुए 39 एमएलडी क्षमता वाले यंत्र को लगाया गया है.
इसमें पहले प्लांट पर जो कि एक एकड़ में होगा. वहां कुल 12 मिलियन लीटर प्रति दिन व दूसरा जो कि वार्ड नंबर 26 में दो एकड़ में फैला है. वहां 27 मिलियन लीटर प्रतिदिन के हिसाब से पानी को शोधित कर पीने योग्य बनाया जा सकता है. साथ ही गीले कचरे को रीसाइकिल करके खाद बनाकर कम दामों पर किसानों को बेचने की योजना है.
मॉडल है तैयार अप्रैल से शुरू होगा काम : इसका डिजाइन इस तरह बनायी जा रही है कि नालों और सीवरेज का गंदा पानी नदी में गिरकर न ही उसे प्रदूषित करे और न बर्बाद हो. बल्कि, शोधित पानी का इस्तेमाल हो.
मुख्यमंत्री के इससे संबंधित निर्देश को ध्यान में रखकर बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) बिहार के कई बड़े शहरों की ड्रेनेज योजनाओं के निर्माण के लिए नये सिरे से खाका तैयार करने में जुटा है. नगर परिषद के अधिकारियों ने बताया कि मधेपुरा का पीपीटी प्रेजेंटेशन तैयार है, लेकिन एसटीपी पॉइंट के लिए चयनित जगह में कुछ जमीनी विवाद आ जाने के कारण काम रूक गया. उम्मीद है अप्रैल तक काम शुरू हो जायेगा.
पानी की न हो बर्बादी इसका रखा जायेगा खास ख्याल : ड्रेनेज सिस्टम और सीवरेज का प्रबंधन ऐसा हो कि पानी की निकासी शहर से तुरंत हो और किसी भी तरह से जलजमाव न हो. इसके मद्देनजर पीपीटी प्रजेंटेशन के दौरान नालों के निर्माण में कुछ सुधार के भी निर्देश दिये गये. इस बात का खास ध्यान रखा जायेगा के पानी की बर्बादी न हो उसे पीने और कृषि कार्य में भी इस्तेमाल किया जायेगा.
अप्रैल 2020 से शुरू होगा काम
एसटीपी पॉइंट के लिए चयनित जगहों में कुछ जमीनी विवाद आ जाने के कारण काम अधर में लटक गया. कुछ लोग फर्जी दस्तावेज दिखाकर जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि अब सारा मामला खत्म हो गया है. अप्रैल 2020 से काम शुरू हो जायेगा.
प्रवीण कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, मधेपुरा

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