Bihar: मधेपुरा में DSP ने नहीं बुलाया था कॉलगर्ल, जांच में झूठा निकला महिला का आरोप, रची मनगढ़ंत कहानी

बिहार के मधेपुरा में कॉलगर्ल विवाद की जांच पूरी हो गयी. डीआईजी शिवदीप लांडे ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि महिला के आरोप झूठे और कहानी मनगढ़ंत हैं. चोरी के आरोप से बचने महिला ने ऐसा कहा. .

By Prabhat Khabar Print Desk | September 8, 2022 10:58 AM

Bihar News: मधेपुरा मुख्यालय डीएसपी अमरकांत चौबे पर महिला द्वारा लगाये गये कॉलगर्ल मंगवाने का लगाया गया आरोप झूठा निकला. कोसी प्रक्षेत्र के डीआइजी शिवदीप वामन राव लांडे ने मामले को लेकर बुधवार को कार्यालय में पीसी कर जानकारी साझा की. डीआइजी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जांच रिपोर्ट में महिला के लगाये गये आरोप केवल एक मनगढ़ंत कहानी थी.

डीआइजी शिवदीप लांडे ने किया खुलासा

महिला के लगाये गये आरोप का वीडियो वायरल होने व खबर प्रकाशित होते ही मामले को गंभीरता से लेते हुए कोसी प्रक्षेत्र के डीआइजी शिवदीप वामन राव लांडे ने चार सदस्यीय जांच टीम गठित कर 36 घंटे में जांच रिपोर्ट समर्पित करने का आदेश दिया था. जांच टीम में सुपौल एसपी डी अमरकेश के नेतृत्व में सहरसा मुख्यालय डीएसपी एजाज हफीज मणि, महिला थाना अध्यक्ष सहरसा प्रेमलता भूपाश्री व मधेपुरा सदर अंचल निरीक्षक प्रशांत कुमार को शामिल कर जांच का जिम्मा सौपा गया था.

महिला के लगाये गये आरोप केवल एक मनगढ़ंत कहानी

जांच टीम ने 36 घंटे के अंदर हरेक पहलूओं पर जांच कर जांच रिपोर्ट डीआइजी को सौंप दी. जिसमें महिला के लगाये गये सारे आरोप झूठे निकले. डीआइजी ने मामले को लेकर बुधवार को कार्यालय में पीसी कर जानकारी साझा की. डीआइजी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि जांच रिपोर्ट में महिला के लगाये गये आरोप केवल एक मनगढ़ंत कहानी थी. डीआइजी ने बताया कि महिला ने अपनी चोरी को छिपाने के लिए सारे मनगढंत कहानी को गढ़ा था. मामले में डीआइजी ने कई पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों पर भी कार्रवाई की है.

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चोरी के आरोप से बचने को रची थी कहानी :

टीम द्वारा जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीआइजी ने पीसी कर जानकारी साझा करते हुए बताया कि उक्त महिला रीना देवी के बयान व वायरल वीडियो में दिये गये बयान व समाचार पत्रों में छपी खबर के बाद उक्त महिला से जांच टीम ने कई बिंदुओं पर उनका पक्ष जाना. महिला द्वारा वीडियो में बताया गया कि वह ट्रेन से लड़की को लेकर जाती थी. जांच टीम को ऑटो से लेकर जाने की बात कह एक ऑटो चालक के बारे में जानकारी दी.

ऑटो चालक से पूछताछ पर ऑटो चालक ने महिला को पहचानने से इनकार कर दिया. इसके बाद महिला ने किसी रेखा देवी के बारे में बताया, उनसे भी पूछताछ की गयी. रेखा देवी ने महिला द्वारा बच्चे को बीमार बता कर मोबाइल उनके हाथों दो हजार में बेचने की बात पुलिस को बतायी. उन्होंने डीएसपी के आवास पर जाने की बात को सिरे से खारिज कर दिया.

महिला ने सबइंस्पेक्टर को बताया हेडक्वार्टर डीएसपी

डीआइजी ने जानकारी देते हुए बताया कि उक्त महिला के लगाये गये डीएसपी हेडक्वार्टर पर आरोप को लेकर जांच टीम द्वारा महिला से डीएसपी की पहचान करने को लेकर डीएसपी समेत अन्य चार लोगों की फोटो दिखायी गयी. जहां महिला ने एक सब इंस्पेक्टर को मुख्यालय डीएसपी बताया. लगातार महिला के द्वारा लगाये गये आरोप को लेकर जांच टीम के द्वारा हरेक बिंदु पर महिला से जानकारी लेने का काम किया गया. लेकिन उक्त महिला सभी जगह केवल अपने बचने के लिए कहानी गढ़ती रही.

छह पुलिस पदाधिकारी व कर्मी निलंबित

डीआइजी ने इस पूरे वीडियो बनने से वायरल किये जाने के मामले को लेकर सदर थाना सहरसा में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर ब्रजेश चौहान, महिला सिपाही इंदू कुमारी, सहरसा टेक्निकल सेल के सिपाही अमर कुमार व अमरेंद्र के साथ सिपाही प्रभात कुमार व धीरेंद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसके अलावे सदर थाना सहरसा व मधेपुरा के थानाध्यक्ष पर भी एसपी को जांच कर कार्रवाई करने को निर्देशित किया गया है. वीडियो सहरसा के सरिस्ता में बना, इसलिए इसकी जिम्मेदारी थानाध्यक्ष की बतायी गयी है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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