शहर के नयी व पुरानी बाजार के जिला परिषद के दुकान आवंटन में झोल
जिला परिषद के दुकानों में झोल मोल है, शहर के कई जिला परिषद की दुकानें एक बार नहीं बल्कि कई बार बिक्री की गयी है
-शुरुआत में ही जिला परिषद प्रतिनिधि एवं अधिकारियों ने गलत ढंग से कर दिया आवंटित
-महीनों नहीं वर्षों से नहीं किया जा रहा है दुकान का किराया चुकता
-नये दुकानों का हुआ लॉटरी सिस्टम से आवंटन, टाइम टू टाइम दिया जा रहा है किराया
लखीसराय. जिला परिषद के दुकानों में झोल मोल है, शहर के कई जिला परिषद की दुकानें एक बार नहीं बल्कि कई बार बिक्री की गयी है. शहर के विद्यापीठ चौक, पुरानी बाजार एवं नयी बाजार में जिला परिषद की दुकान है. खरीद बिक्री के खेल खुल न जाय, यही कारण है कि जिला परिषद की दुकान का किराया जमा नहीं किया जा रहा है. दूसरी ओर जिला परिषद की कई ऐसी दुकान है,. जिसका किराया महीने दो महीने नहीं कई वर्षों से बकाया है. जो दुकानदार मोटी रकम देकर जिला परिषद की दुकान को खरीदा है, वह अब किराया का मोटी रकम नहीं खर्च करना चाह रहे हैं. नया बाजार के जिला परिषद का दुकान परदेसी लोगों द्वारा भी वर्षों पूर्व अपने नाम से एग्रीमेंट कराया था, जो दुकान बेच कर अपना प्रदेश लौट चुके हैं, तो कुछ पुराने लोगों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में जिला प्रशासन को जांच पड़ताल कर ही नये सिरे से जिला परिषद की दुकान का नया एग्रीमेंट कराया जा सकता है. जिला परिषद द्वारा कुछ साल पूर्व नये नये भी दुकान बनाये है. जिसका डीडीसी के द्वारा लॉटरी सिस्टम से दुकान का आवंटन किया गया है और लगभग सभी दुकानदारों द्वारा समय-समय से किराया भी दिया जा रहा है. वर्षों पुराने दुकानदारों का किराया जमा नहीं होना इस बात को पुष्टि करता है कि दुकान एग्रीमेंट में झोल है. दुकान खरीद बिक्री का अधिकांश खेल रेल पुल के दोनों तरफ है. हालांकि डीडीसी सुमित कुमार उठाये गये कड़े कदम से फर्जी दुकानदारों में हड़कंप मची है. इस संबंध में डीडीसी सुमित कुमार ने कहा कि सभी जिला परिषद के दुकानदारों से कागजात की मांग की गयी. सभी दुकानदारों का नये सिरे से एग्रीमेंट किया जायेगा. किराया जमा करने का अल्टीमेटम भी दे दिया गया. कागजात पेश नहीं करने एवं किराया नहीं जमा करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
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