अनशनकारी को वार्ता करने के बाद किया पुलिस के हवाले

22 मई से समाहरणालय स्थित धरनास्थल पर धरना दे रहे थे राष्ट्रीय मानवाधिकार जनकल्याण संस्थान के सदस्य बैंकों द्वारा मुद्रा ऋण योजना के आवेदनों को लंबित रखने का कर रहे थे विरोध बैंकर्स को ऋण आवेदनों को जल्द निष्पादन का डीएम ने दिया निर्देश लखीसराय : जिले के बैंकों द्वारा मुद्रा ऋण योजना के तहत […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 26, 2017 6:18 AM

22 मई से समाहरणालय स्थित धरनास्थल पर धरना दे रहे थे राष्ट्रीय मानवाधिकार जनकल्याण संस्थान के सदस्य

बैंकों द्वारा मुद्रा ऋण योजना के आवेदनों को लंबित रखने का कर रहे थे विरोध
बैंकर्स को ऋण आवेदनों को जल्द निष्पादन का डीएम ने दिया निर्देश
लखीसराय : जिले के बैंकों द्वारा मुद्रा ऋण योजना के तहत प्राप्त आवेदनों को लंबित रखने के विरोध में 22 मई से राष्ट्रीय मानवाधिकार जनकल्याण संस्थान के सचिव मनोज रविदास के नेतृत्व में संगठन के सदस्य समाहरणालय स्थित अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे थे. बुधवार को उनका धरना आमरण अनशन में तब्दील हो गया़ इसके बाद गुरुवार को जिलाधिकारी ने धरना का नेतृत्व कर रहे मनोज रविदास को अपने चैंबर में वार्ता करने के लिए बुलाया, जहां पहले से जिले के बैंकर्स भी बैठे थे़
रविदास के समक्ष जिलाधिकारी ने बैंकर्स को ऋणों के प्राप्त आवेदनों को जल्द से जल्द से स्वीकृत या अस्वीकृत कर निष्पादन करने का निर्देश दिया़ इस बीच जिलाधिकारी ने रविदास से कहा कि बैंक अपने ऋण वसूली को ध्यान में रखते हुए किसी को भी ऋण प्रदान करता है़ उनका संगठन आवेदकों को ऋण दिलाने के लिए आवेदन करने में सहयोग करने के लिए है न कि उनपर दवाब देने के लिए. उन्होंने कहा कि उनका अनशन गैरकानूनी है तथा उन्होंने कवैया पुलिस को बुलाकर रविदास को पुलिस के हवाले कर दिया व रविदास को पीआर बांड भरा कर छोड़ देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि वे किसी को भी संगठन के बैनर तले किसी तरह की बिचौलियागिरी नहीं करने देंगे. संगठन लोगों की मदद के लिए होता है न कि इसके माध्यम से दवाब बनाने के लिए़ उन्होंने बैंकर्स को भी उनके यहां प्राप्त आवेदनों को लंबित नहीं रखने का निर्देश दिया.

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