Tea in Bihar: किशनगंज. बिहार चाय उत्पादन के मामले में देश में पांचवें पायदान पर है. किशनगंज में भारी मात्रा में चाय की खेती होती है. लेकिन, यहां उत्पादित चाय की हरी पत्तियां बिकने के लिए पश्चिम बंगाल में चली जाती है. बंगाल के सिल्लीगुड़ी स्थित चाय की मंडी में बिहार उत्पाद चाय की पत्तियों की खपत होती है. इससे राज्य को राजस्व का नुकसान होता है और चाय की खेती करनेवाले किसानों को परेशानी होती है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआईए) के अध्यक्ष केपीएस केसरी ने कहा कि किशनगंज और ठाकुरगंज में चायपत्ती के प्रसंस्करण यूनिट की काफी जरूरत है.
छोटी जोत बड़ी समस्या
यूनिट नहीं होने से यहां की पत्तियां बाहर जा रही है. चाय उत्पादन में बिहार पांचवें स्थान पर है. राज्य के किशनगंज में लगभग दस हजार हेक्टेयर (25 हजार एकड़) में चाय की खेती हो रही है. इसमें अभी और विस्तार की काफी संभावनाएं है. किशनगंज इलाके में चाय खेती के विस्तार में छोटी जोत बड़ी समस्या है. बीआईए अध्यक्ष ने बताया कि लैंड सिलिंग एक्ट के तहत चाय पौधरोपण की जोत बढ़ाने के लिए प्रयास होना चाहिए. लीज पर जमीन लेने की सुविधा मिलनी चाहिए. फिलहाल बीस से ज्यादा चाय प्रसंस्करण
क्षेत्र है.
टी-बोर्ड ऑफ इंडिया में नहीं है बिहार का कोई प्रतिनिधि
टी बोर्ड ऑफ इंडिया में बिहार का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं है. चाय उत्पादन में बिहार का स्थान देश में पांचवां है. इसके कारण बोर्ड में बिहारी चाय उत्पादकों के साथ होनेवाली समस्याओं को नहीं रखा जा रहा है. बीआईए अध्यक्ष ने कहा कि बोर्ड में प्रतिनिधि को जगह देने के लिए आवाज उठायी गई है. सरकार ने भरोसा दिलाया है कि इस संबंध वो जल्द कोई फैसला लिया जायेगा.
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