टीबी मुक्त समाज बनाने के लिए बनें निक्षय मित्र, करे टीबी मरीजों की मदद: डीएम
देश से 2025 तक टीबी रोग के उन्मूलन को लेकर सरकार विभिन्न उपायों पर काम कर रही है. टीबी रोग के उन्मूलन में सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थान,कॉर्पोरेट संस्थान सहित अन्य संस्थाएं अपनी मजबूत भागीदारी निभा सकते हैं.
किशनगंज.देश से 2025 तक टीबी रोग के उन्मूलन को लेकर सरकार विभिन्न उपायों पर काम कर रही है. टीबी रोग के उन्मूलन में सामान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि, गैर सरकारी संस्थान,कॉर्पोरेट संस्थान सहित अन्य संस्थाएं अपनी मजबूत भागीदारी निभा सकते हैं. इसके लिए सरकार “निक्षय मित्र” बनने का मौका दे रही है. या कहें कोई भी व्यक्ति टीबी रोगी को गोद लेकर उनकी सेवा कर सकता है. अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्थान मरीजों को पोषण, डायग्नोस्टिक और रोजगार के स्तर पर मदद कर उनसे सच्ची मित्रता निभा सकते हैं. जिला यक्ष्मा केंद्र ने अपील की है कि जिले के लोग, जनप्रतिनिधि और विभिन्न संस्थाएं निक्षय मित्र बनकर टीबी रोगियों की सहायता करने का संकल्प लें.
पोषण, आजीविका के स्तर पर करेंगे मदद
सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि निक्षय मित्र योजना एक तरह से टीबी रोग से पीड़ित लोगों को गोद लेने की योजना है. इस अभियान के तहत व्यवस्था की गई है कि निक्षय मित्र बनने वाला व्यक्ति या संस्था कम से कम एक वर्ष के लिए और अधिक से अधिक तीन साल के लिए किसी गांव, वार्ड, पंचायत, ब्लॉक या जिले के किसी टीबी रोगी को गोद लेकर उन्हें भोजन, पोषण, आजीविका के स्तर पर जरूरी मदद उपलब्ध करा सकते हैं.निक्षय मित्र रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरकर इस योजना से ऐसे जुड़ सकते हैं
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि निक्षय मित्र बनने के लिए सबसे पहले communitysupport.nikshay.in पर लॉगिन करना होगा. इसके बाद प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान पर क्लिक करने के बाद निक्षय मित्र रजिस्ट्रेशन फॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कर इस अभियान से जुड़ सकते हैं. रजिस्ट्रेशन के बाद सुविधानुसार निक्षय सहायता के लिए टीबी रोगियों का चयन किया जा सकता है. प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में टीबी की बीमारी से जुड़ी हर तरह की जानकारी के लिए निक्षय हेल्पलाइन नंबर 1800-11-6666 पर भी संपर्क कर सकते हैं. टीबी बीमारी कैसे होती है, टीबी कितने प्रकार की होती है.डीएम ने आमजनों से की अपील
डीएम तुषार सिंगला ने सभी जिलेवासियों से निक्षय मित्र बनकर टीबी के खिलाफ लड़ाई को मजबूती देने की अपील की है . उन्होंने कहा कि जिस तरह जिला ने सम्मिलित प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीती उसी प्रकार टीबी के खिलाफ जीतने के लिए सम्मिलित प्रयास किया जाना आवश्यक है. इसलिए उन्होंने सक्षम व्यक्ति, जिम्मेदार सरकारी व गैर सरकारी संस्था के प्रतिनिधियों से टीबी उन्मूलन अभियान को गति प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा संचालित निक्षय मित्र अभियान से जुड़ने की अपील की है.
अब तक जिले के टीबी संक्रमित 14 मरीजों को लिया गया है गोद
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि जिले में वर्त्तमान में 1023 टीबी रोगी इलाजरत हैं. विगत वर्ष जिसमें जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के द्वारा किशनगंज शहरी क्षेत्र के 10 मरीज को तत्कालीन जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री की उपस्थिति में गोद लिया गया था. वहीं एथलीट सह युवा समाजसेवी गुलाम मुर्तुजा एक मरीज को गोद लेकर निश्चय मित्र बने थे. जिला टीबी विभाग के द्वारा एक मरीज को गोद लिया गया था . 02 मरीज को हारून रशीद इसटीइसयु बिहार के द्वारा गोद लिया लेकर लगातार पोषण सामग्री उपलब्ध करवाई गयी थी . साथ हीं टीबी उन्मूलन के प्रयासों के तहत सरकार द्वारा संचालित निक्षय मित्र योजना की समुचित जानकारी मरीजों को उपलब्ध करायी जा रही है.उन्होंने बताया कि गोद लिये गये टीबी मरीजों के बीच हर माह उनके द्वारा फूड बास्केट उपलब्ध करायी जायेगी. फूड बास्केट में तीन किलो चावल, डेढ़ किलो दाल, खाद्य तेल, विटामिन टैबलेट सहित बेहतर पोषण से जुड़ी अन्य जरूरी चीजें शामिल होंगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है