सरकारी खाद्यान्न ओवरलोडिंग मामले में परिवहन विभाग मौन
सरकारी खाद्यान्न ओवरलोडिंग मामले में परिवहन विभाग मौन
– कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, भीड़-भाड़ वाले एरिया से होकर गुजरती है ओवर लोडेड ट्रैक्टर कटिहार सरकारी खाद्यान्न के ओवरलोडिंग को लेकर पटना परिवहन विभाग सख्त है. बावजूद ओवर लोडिंग पर जिला परिवहन विभाग मौन है. पटना परिवहन विभाग के सख्त आदेश के बाद भी जिले में सरकारी खाद्यान्न व अनाजों की ओवर लोडिंग का कार्य धड़ल्ले से जारी है. यहां तक की रैक पॉइंट से भी ओवरलोडिंग का खेल बदस्तूर जारी है. इन चालकों को मानो परिवहन विभाग के अधिकारी का कोई भय ही नहीं है. शहर के सड़कों पर ओवरलोडिंग वाहनों का परिचालन लगातार जारी है. उन वाहनों के समीप से विभाग के अधिकारी गुजरते हैं. बावजूद उसे रोकने टोकने वाला कोई नहीं है. स्थानीय लोगों की माने तो बिना मिली भगत का कुछ भी संभव नहीं है. स्थानीय लोगों के आरोप में कितनी सच्चाई है यह तो कुछ कहा नहीं जा सकता. लेकिन सड़कों पर ओवरलोडिंग वाहनों का परिचालन बेरोक-टोक जारी है. ओवरलोडिंग नित्य है जारी, नहीं होती कार्रवाई मुख्यालय के आदेश के बाद भी जिले के एफसीआई, एफएफसी, डोर स्टेप डिलीवरी आदि स्थानों से सरकारी खाद्यान्नों को ट्रैक्टर, ट्रक सहित अन्य मालवाहक वाहनों पर क्षमता से अधिक खाद्यान्न सामग्री लादकर उसे गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाता है. इसमें दुर्घटना की संभावनाएं प्रबल रहती है. साथ ही जान माल के भी हताहत होने की स्थिति बनी रहती है. सरकार ने सूबे में बढ़ती सड़क दुर्घटना को लेकर सरकारी गोदामों या फिर रैक प्वाइंट से मालवाहक वाहनों पर ओवर लोडिंग को लेकर नकेल कसने को लेकर आदेश जारी की है. बावजुद उन आदेशों की अवहेलना विभाग के ही अधिकारी करने में जुटे है. मानों मुख्यालय के आदेश की धज्जियां उड़ाने में जिला परिवहन विभाग ने कोई कसर नहीं रख छोड़ी है. . तकरीबन डेढ़ से दो हजार मालवाहक वाहनों का परिचालन शहर के एफसीआई गोदाम, एसएफसी गोदाम, डोर स्टेप डिलीवरी केंद्र, रैक पॉइंट से सैकड़ों ओवरलोडिंग वाहनों का परिचालन नित्य या एक-दो दिन के अंतराल पर होती रहती है. जिले की बात की जाय तो जिले में तकरीबन डेढ़ से दो हजार मालवाहक वाहनों का परिचालन इन केंद्रों से होता है. अधिकांश वाहनों में क्षमता से अधिक अनाज की लोडिंग होती है. जिससे दुर्घटना की आशंका तो बनी रहती है.
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