विधायक के लिए काढ़ागोला-पीरपैंती पुल बनाने की होगी चुनौती
विधायक के लिए काढ़ागोला-पीरपैंती पुल बनाने की होगी चुनौती
– इसके साथ ही कटाव से विस्थापित परिवार को जमीन देकर बसाने की भी है चुनौती हरजीत सिंह बरारी विधानसभा चुनाव में काढ़ागोला गांगा घाट से पीरपैंती के बीच गंगा नदी पर पुल निर्माण की मांग को पूरा करना विधायक के लिए गंभीर चुनौती होगी. बिहार एवं केंद्र में एनडीए की डबल इंजन वाली सरकार है. ऐसे में लोग पिछले पांच साल इंतजार करते रहे पर पुल निमाण नहीं हुआ है. इस बार लगातार दूसरी बार जीत कर विधानसभा पहुंचे निर्वाचित विधायक विजय सिंह के समझ पुल निर्माण करना बड़ी चुनौती से कम नहीं है. विधानसभा के बरारी प्रखंड जो गंगा कटाव एवं बाढ़ से ग्रस्त इलाकों में आता है. दियारा क्षेत्र है. कई महत्वपूर्ण समस्या है. निदान के लिए सरकार बनते हीं लग जाना होगा. प्रखंड के हजारों एकड़ खेती की जमीन एवं कई गांव गंगा की आगोश में आ जाने से सैकड़ों परिवार को रेलवे एवं सड़क किनारे, तटबंध पर किसी प्रकार जीवन गुजर बसर कर रहे परिवारों को स्थाई रूप से बसाने का काम नहीं किये जाने से करीब 25 हजार परिवार आज भी जिल्लत की जिंदगी जीने को विवश है. कभी काढागोला गंगा घाट पर व्यवसाय की बहार हुआ करती थी. गंगा कटाव के जद में परिवारों की खुशियां जाती रही. किसी तरह जीवन यापन कर लोग जिंदगी गुजार बसकर कर रहे हैं. चुनाव हुए परिणाम घोषित हो गये. सरकार भी बन जायेगी. मंत्री भी बन सकते हैं. लेकिन यहां के विधायक के सामने जनता की प्रमुख समस्याएं काढ़ागोला- पीरपैंती के बीच गंगा पर पुल एवं सम्पर्क पथ का निर्माण कराना, सिखों के प्रथम गुरु एवं नौंवे गुरु तेग बहादुर साहिब के स्थल कांतनगर भवानीपुर गुरुद्वारा को पर्यटक स्थल एवं सिख सर्किट से जोड़ना, काढ़ागोला गांगा घाट को पर्यटक स्थल बनाना, काढ़ागोला गंगा दार्जलिंग पथ को फोरलेन बनाना, भवानीपुर का अति प्राचीन सोनाखाल शिव मंदिर को पर्यटन स्थल बनाना, काढागोला रेलवे समपार फाईव बी गंगा दार्जलिंग सड़क पर ओवर ब्रीज का निर्माण, काढ़ागोला घाट पर शवदाह गृह बैकुण्ठ धाम एवं मधेली से भवानीपुर तक गंगा किनारे बोल्डर पीचिंग कार्य ताकि कटाव की समस्या बंद हो ये सभी कार्य विधायक कि लिए गंभीर चुनौती भरा है. इस बार जनता को गंगा पर पुल तो चाहिए. ताकि हजारों एकड़ खेती की जमीन गंवा चुके किसानों को खेती की जमीन अपने हाथों में मिल पायेगी. वर्तमान में किसानों की जमीन रंगदार जबरन जोत रहे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
