शिक्षक व कर्मचारियों के सीधे खाते में वेतन भुगतान की प्रक्रिया तेज

वेतन भुगतान के लिए नयी व्यवस्था के प्रशिक्षण को जारी किया गया पत्र

By Prabhat Khabar Print | May 23, 2024 10:53 PM

महाविद्यालय व विवि स्तर के शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का वेतन सीधे उनके खाते में भेजे जाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए एक पोर्टल का निमार्ण किया गया है. जिसके संचालन के संबंध में प्राचार्य, बर्सर, कुलसचिव, वित्तीय परामशी एवं वित्त पदाधिकारी का प्रशिक्षण होना है. ताकि उक्त पोर्टल पर महाविद्यालय, विवि स्तर से सीधे वांछित सूचनाएं अपलोड की जा सकें. इसके लिए कॉलेजवार व विविवार लॉग इन एवं पासवर्ड दिया जाना है. साथ ही महाविद्यालय स्तर के लिए प्राचार्य के स्तर से तथा विवि के लिए कुलसचिव के स्तर से सूचना मांगी गयी है. उच्च शिक्षा निदेशक डॉ रेखा कुमारी ने 20 मई को राज्य के सभी पारंपारिक विवि, अंगीभूत महाविद्यालयों के प्राचार्य के नाम एक पत्र भेजी है. जिसमें शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए नई व्यवस्था के प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए पत्र जारी किया गया है. 27 मई को दो बजे जगजीवन राम संसदीय अध्ययन एवं राजनीतिक शोध संस्थान मैंगल्स रोड पटना में तीन विवि में पूर्णिया के सभी अंगीभूत महाविद्यालय के प्राचार्य, बर्सर एवं विवि के कुलसचिव, वित्तीय परामशी और वित्त पदाधिकारी को भी शामिल होना है. कुलसचिव पूर्णिया आनंत कुमार ने सभी अंगीभूत महाविद्यालय के प्राचार्य के नाम से पत्र भेजकर मांगी गयी सूचना को एक फॉमेट में भरकर उपलब्ध कराने को कहा है. उपलब्ध फॉर्मेट में प्राचार्य व कुलसचिव के नाम, मोबाइल नम्बर, कुल रेगुलर शिक्षकों व रेगुलर कर्मचारियों की संख्या, विवि का नाम, कॉलेज का नाम, विभाग, शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के नाम, टीचिंग, ननटीचिंग, डीओबी, मोबइल नम्बर,पैन नम्बर, आधार नम्बर, पेय आईडी, बैक अकाउंट एजपर सीएफएमएस, पीवीसी,पीवीसी रेफरेंस नंबर अंकित करना है,

फाॅर्मेट में पीवीसी रेफरेंस से कर्मचारियों में असमंजस्य

अलग-अलग अंगीभूत महाविद्यालय प्रधान द्वारा कुलसचिव के द्वारा मांगी गयी जानकारी के लिए दिये फॉर्मेट मिलने के बाद वैसे कर्मचारियों में असमंस्य की स्थिति है. जिनकी नियुक्ति चतुर्थवर्गीय कर्मचारी के रूप में हुई. लेकिन हेरफेर कर प्रमोश्न ले लिये हैं. खासकर डीएस कॉलेज कई कर्मचारियों के बीच ऊहापोह की स्थिति है. कई कर्मचारियों का कहना है कि पीसीसी रेफरेंस कॉलम में वैसे कर्मचारियों की सच्चाई सामने आयेगी.

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