रेल परिचालन में बाधा उत्पन्न करने वालों पर कानूनी कार्रवाई शुरू

रेल परिचालन में बाधा उत्पन्न करने वालों पर कानूनी कार्रवाई शुरू

By RAJKISHOR K | May 8, 2025 6:54 PM

एनएफआर ने रेल पटरियों पर रेल रोको आंदोलन चलाने वालों के खिलाफ कर रहा कार्रवाई प्रतिनिधि, कटिहार रेल रोको आंदोलन के कारण उत्पन्न व्यवधानों को रोकने के लिए एक निर्णायक कदम के रूप में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने रेल पटरियों पर किसी भी विरोध प्रदर्शन के लिए कानूनी प्रवर्तन को वित्तीय जवाबदेही के साथ एक रणनीति शुरू की है. पारंपरिक प्रतिक्रियाओं से हटकर रेलवे ने नागरिक क्षतिपूर्ति मुकदमे दायर करना शुरू कर दिया है. भारतीय रेलवे की पारिस्थितिकी तंत्र में एक दुर्लभ कदम जिसका उद्देश्य ट्रेन सेवाओं को बाधित करने के लिए जिम्मेदार लोगों से मौद्रिक नुकसान की वसूली करना है. यह कार्य रेलवे सुरक्षा बल आरपीएफ द्वारा रेलवे अधिनियम के तहत आपराधिक मुकदमा चलाने के साथ-साथ किया जा रहा है. ताकि इस तरह के व्यवधानों के लिए सख्त कानूनी परिणाम सुनिश्चित किए जा सकें. रेल अवरोध से 5.94 करोड़ का नुक़सान, वसूलेगी मुआवजा अलीपुरद्वार व मालदा की सिविल अदालतों में दो सिविल मुकदमे दायर किए गये हैं. जिनमें लंबे समय तक रेल अवरोधों से होने वाले नुकसान के लिए 5.94 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा गया है. इस कदम का तत्काल निवारक प्रभाव पड़ा है, जिसके बाद से चार नियोजित रेल रोको कार्यक्रमों को वापस ले लिया गया है. एनएफ रेलवे के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधकों सीनियर डीओएम के नेतृत्व में आरपीएफ और महाप्रबंधक के विधि कार्यालय के समन्वित प्रयास को जोन में प्रशासनिक संकल्प और कानूनी नवाचार के एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है. कहते हैं अधिकारी एनएफ रेलवे आंदोलन के लिए रेल पटरियों के दुरुपयोग को हतोत्साहित करते हुए निर्बाध ट्रेन परिचालन सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्प है. यह जोन रेलवे के भीतर सुरक्षा, समय की पाबंदी और सार्वजनिक सुविधा को सुचारू बनाये रखने को प्रतिबद्ध है. साथ ही इस क्षेत्र की जीवन रेखा को खतरे में डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी करता है. कपिंजल किशोर शर्मा, सीपीआरओ, एनएफ रेलवे

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