बाढ़ व कटाव से जूझते परिवारों को निदान की बढ़ी उम्मीदें

बाढ़ व कटाव से जूझते परिवारों को निदान की बढ़ी उम्मीदें

By RAJKISHOR K | November 19, 2025 6:36 PM

कुरसेला क्षेत्र में गंगा, कोसी नदियों का कटाव व बाढ़ ज्वलंत जनसमस्या के रुप में खड़ी है. जनहित में इन समस्याओं का निराकरण आवश्यक है. बरारी से नवनिर्वाचित विधायक विजय सिंह से इन समस्याओं के निदान की क्षेत्र की जनता उम्मीद लगाये है. पांच दशकों के अधिक वक्त से क्षेत्र में गंगा, कोसी का कटाव शामत ढाता आ रहा है. कटाव से अबतक मलेनियां, जरलाही जैसे बड़ी आबादी के कई गांवों का अस्तित्व गंगा, कोसी नदियों के कोख में समाहित हो चुका है. हजारों एकड़ के उपजाऊ भूमि नदियों के कोख में समा चुकी है. पत्थल टोला से लेकर गुमटी टोला तक तटीय क्षेत्रों के तकरीबन आधा दर्जन गांव के समीप नदियों के कटाव ने भयावह रुप अख्तियार कर रखा है. कटाव के भयावहता से प्रभावित गांवों के जनमानस की रातों की नींद दिन का सकुन छीन चुका है. कटाव के विनाशकारी रुख से पत्थल टोला, खेरिया, बालू टोला, तीनघरिया, बसुहार मजदिया, कमलाकान्ही, गुमटी टोला मधेली आदि गांवों का अस्तित्व खतरे में पड़ा हुआ है. उपजाउ भूमि के नदियों में समाने से किसानों के लिए दो वक्त रोटी के लाला पड़ गया है. कोसी, गंगा नदियों के कटाव से बिगड़े रुख से प्रखंड क्षेत्र भूभाग के एक बड़ा क्षेत्रफल कटाव के निशाने पर है. कटाव बचाव के लिए अब तक किये गये निरोधक उपाय विफल साबित हुआ है. निरोधक कार्य के नाम पर लाखों की खर्च की गयी राशि बेकार साबित हुई है. प्रभावित क्षेत्र का जनमानस कटाव से बचाव के लिए त्राहि त्राहि कर रहे है. प्रति वर्ष बाढ़ आपदा की विभिषिका क्षेत्र में तबाही बर्बादी का शामत ढाता आ रहा है. बाढ़ से फसलों जान-माल फसलों की क्षति तरक्की में बाधक बना रहता है. किसानो के फसलों को डूबो कर आर्थिक रूप से पैमाल बनाने का कार्य करती है. सड़कों का बाढ़ में डूब कर और नया बनने का सिलसिला बना रहता है. तटबंध बनते ही टुटते है. पर बाढ़ का स्थायी समाधान नहीं हो सका है. बाढ आपदा के दंश से परेशान किसान मजदूर परिवार के भरण पोषण के लिए विभिन्न प्रदेशों में रोजी रोजगार के लिए पलायन करने को विवश हैं.

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