बटेश्वर-कटरिया के बीच गंगा में रेल पुल निर्माण को ले हुआ टेंडर
बटेश्वर-कटरिया के बीच गंगा में रेल पुल निर्माण को ले हुआ टेंडर
– कार्य शुरू होगा शीघ्र, लोगों में इस बड़ी परियोजना से क्षेत्र के विकास की जगी है आस कुरसेला रेल लाइन निर्माण के महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में एक बटेश्वर स्थान कहलगांव से कटरिया के बीच गंगा नदी पर बनने वाले पुल निर्माण कार्य की प्रक्रिया तेज होने से आमजनों में हर्ष व्याप्त है. गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के सतत प्रयास से इस रेल परियोजना का टेंडर इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (इरकान) को मिला है. गोड्डा सांसद निशीकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जानकादी दी. रेल पुल का निर्माण तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य है. शिलान्यास आने वाले दिनों में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी कर सकते हैं. डबल लाइन पुल की चौड़ाई करीब 13 मीटर होगी. 2178.38 करोड़ की लागत से इस रेल परियोजना का कार्य तीन साल में पुरा किया जायेगा. यह रेल लाइन कटरिया- बटेश्वर स्थान से विक्रमशिला, भवानीपुर तक बिछेगी. रेल परियोजना के पूरा होने पर पीरपैंती, भागलपुर, गोड्डा, देवघर, कोलकाता, कटिहार सहित सीमांचल से सीधा जुड़ जायेगा. कटिहार से पीरपैंती के तकरीबन आठ घंटे का रेल सफर घट कर दो घंटे की हो जायेगी. इस रेल परियोजना के कार्य की शुरुआत इसी वर्ष प्रारम्भ होने की उम्मीद है. गंगा नदी पर बनने वाले इस पुल की बनावट वाई आकार का होगी. जिनका डिजाइन व प्राक्कलन तैयार किया जा चुका है. पुर्व मध्य रेल के अनुसार इनका एक छोर भागलपुर जिला के बटेश्वर स्थान (कहलगांव) व दुसरा नवगछिया -कटिहार रेलखंड के कटरिया रेल स्टेशन के पास मिलेगा. उत्तर में कटरिया और नवगछिया व दक्षिण में विक्रमशिला और शिवनारायणपुर रेल स्टेशन की तरफ रेल लाइन होगी. रेल लाइन सीमांत के कटिहार और भागलपुर जिले के क्षेत्र से जुड़कर आवागमन साधन का सुविधा प्रदान करेगा. इस रेल परियोजना के पुरा होने पर पूर्व बिहार भागलपुर से लेकर झारखंड का कोसी व सीमांचल से सीधा संपर्क हो जायेगा. बटेश्वर स्थान का प्रसिद्व धर्म स्थल और विक्रमशीला ऐतहासिक पर्यटन स्थल की आवागमन सुविधाओं से विशेष रुप से ख्याति बढ़ेगी. रेल परियोजना के पुरा होने से दो समांतर रेल लाइन एक दुसरे से जुड़ जायेंगे. इसके साथ निर्माणाधीन पीरपैंती-जसीडीह रेलखंड के जरिये आसनसोल-किउल रेल से सीधा जुड़ाव हो जायेगा. नवगछिया-कटिहार रेल लाइन, भागलपुर से हावड़ा, दुमका- भागलपुर रेल लाइन, मोहनपुर के पास देवघर-दुमका लाइन से मिलेगी. तीन वर्ष पूर्व परियोजना को मिली थी मंजूरी जानकारों की माने तो वर्ष 2016-17के रेल बजट में इस महात्वाकांक्षी परियोजना को स्वीकृति मिली थी. बावजूद परियोजना पर कार्य अधर में अटका हुआ था. गोड्डा सांसद ने परियोजना का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड में उठाया था. इसके उपरांत रेल बजट में इस रेल लाइन की स्वीकृति मिली थी. इन तीन सालों के बाद परियोजना के सर्वे कार्य के लिये रेल मंत्रालय से राशि आवंटन किया गया था. इसके बाद बजट में इस सड़क रेल पुल निर्माण के लिये राशि आवंटन किया गया. जिसे लेकर कटिहार, भागलपुर सहित झारखंड के लोगो में हर्ष है. पिछले महीने रेल पुल निर्माण को लेकर पुर्व मध्य रेलवे (इसीआर) के जीएम ललित चन्द्र त्रिवेदी ने ओरियप बटेश्वर स्थान में स्थल निरीक्षण करते हुए कहा था कि यह परियोजना रेलवे के प्राथिमकता में शामिल है. उम्मीद की जा रही है कि आने वाले महीनों में पुल निर्माण का कार्य प्रारम्भ हो सकेगा. रेल सुविधा से बढ़ेगा विकास प्रस्तावित रेल निर्माण का परियोजना पूरा होने से कोसी सीमांचल से पूर्व बिहार झारखंड की दुरियां कम होने के साथ विकास के अवसर बढ़ेंगे. इन स्थानों से व्यपारिक कारोबार करने की सुगमता हो जायेगी. आमजनों के साथ कारोबारियों के लिये यह सड़क रेल परियोजना वरदान साबित होगा. कुरसेला कटरिया से विक्रमशीला का छह से सात घंटों की दुरी घंटे से भी कम समय में पुरा हो सकेगी. कटरिया से विक्रमशिला व बटेश्वर स्थान तक की दुरियां सिमट कर रह जायेगी. गंगा किनारे के दियारा के सुदूर गांवों को रेल सुविधा साधन से विकसित होने का अवसर मिलेगा. सड़क पुल निर्माण की उम्मीद बढ़ी रेल पुल निर्माण होने पर उस पर सड़क पुल बनने की उम्मीद बढ़ गयी है. पुल के उपर से फोर लेन सड़क पुल बनाये जाने की सम्भावना है. उम्मीद किया जा रहा है रेल पुल निर्माण के बाद सड़क पुल बनने का प्रक्रिया प्रारम्भ होगा. हालांकि सड़क पुल बनाये जाने को लेकर आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
