नक्सली नेता अरविंद का अंतिम संस्कार, बोली पत्नी, पति का था अरमान, पुलिस के हाथ न लगे जिंदा या मुर्दा शरीर

सुकूलचक (जहानाबाद) : कड़ौना ओपी के सुकूलचक गांव में शुक्रवार को मातमी सन्नाटा पसरा था. नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी के केंद्रीय कमेटी के 10 शीर्षस्थ नेताओं में शामिल देवकुमार उर्फ अरविंद जी उर्फ नेताजी उर्फ बाबा समेत अन्य कई उपनामों से कुख्यात नक्सली नेता के पैतृक घर पर बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. अरविंद जी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 24, 2018 8:27 AM
सुकूलचक (जहानाबाद) : कड़ौना ओपी के सुकूलचक गांव में शुक्रवार को मातमी सन्नाटा पसरा था. नक्सली संगठन भाकपा-माओवादी के केंद्रीय कमेटी के 10 शीर्षस्थ नेताओं में शामिल देवकुमार उर्फ अरविंद जी उर्फ नेताजी उर्फ बाबा समेत अन्य कई उपनामों से कुख्यात नक्सली नेता के पैतृक घर पर बड़ी संख्या में लोग जुटे थे.
अरविंद जी की पत्नी प्रभा देवी अपने दो पुत्रों राकेश उर्फ प्रिंस और अभिषेक के अलावा परिवार के अन्य लोगों के साथ दालान में बैठी थी. इसी दौरान ‘प्रभात खबर’ के संवाददाता ने उनसे खास बातचीत की. प्रभा देवी ने पुष्टि की कि उनके पति देवकुमार की मौत हो गयी है और उसके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सांगठनिक तौर-तरीके से डाल्टेनगंज के बूढ़ा पहाड़ पर गुरुवार की शाम किया गया. साड़ी के पल्लू से अपने आंसू पोंछते हुए कहती हैं कि मैंने कलेजे पर पत्थर रखकर उनके अरमानों को पूरा किया. नेताजी कहते थे कि जिंदा या मुर्दा उनका शरीर पुलिस के हाथ नहीं लगना चाहिए. यदि डाल्टेनगंज स्टेशन के टिकट काउंटर के पास पुलिस उन्हें, उनके पुत्र और भाई को हिरासत में नहीं लेती तो वह अपनी पति का अंतिम दर्शन कर लेती.
पुलिस उनलोगों को गुरुवार की अहले सुबह 4:30 बजे ही हिरासत में लेकर पहले महिला थाना फिर अखरा सीअारपीएफ कैंप और फिर बेतला गेस्ट हाउस ले गयी थी. गेस्ट हाउस में लातेहार के एसपी ने पूछताछ की थी और बूढ़ा पहाड़ के इलाके में जाकर पति के अंतिम दर्शन करने के लिए दबाव दिया था.
इस दौरान सभी स्थानों पर उनलोगों की तस्वीरें ली गयीं लेकिन वह नहीं गयी थी. उन्होंने कहा कि पुलिस उनके पति का शव अपने कब्जे में न ले ले, इस कारण वह बूढ़ा पहाड़ नहीं गयी और अपने पति के अरमान को पूरा की. घंटों अपने पास रखने के बाद पुलिस ने झारखंड-बिहार की सीमा तक उनलोगों को छोड़ा था. गुरुवार की शाम उन्हें जानकारी हुई कि उनके पति का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
हालांकि नक्सली नेता के निधन के बारे में अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है लेकिन आश्वस्त परिजनों ने श्राद्धकर्म की प्रक्रिया शुरू कर दी है.