जवानों ने लिया संविधान की रक्षा का संकल्प
26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर 16वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) व इसके सभी समवायों में संविधान दिवस का आयोजन किया गया.
खैरा . 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर 16वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) व इसके सभी समवायों में संविधान दिवस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक वाचन से हुई, जिसमें अधिकारियों, अधीनस्थ अधिकारियों और जवानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. इस दौरान संविधान में निहित मूल्यों को समझाया गया. उन्हें आत्मसात करने और देशहित में कर्तव्य-पालन की भावना को और मजबूत करने के बारे में जानकारी दी गयी. सामूहिक वाचन के दौरान उपस्थित जवानों ने न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के संवैधानिक आदर्शों को व्यवहार में उतारने का संकल्प भी लिया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यवाहक कमांडेंट बांके बिहारी ने कहा कि संविधान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य बलकर्मियों में राष्ट्रीय एकता, अखंडता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान न केवल दुनिया का सबसे विस्तृत लोकतांत्रिक दस्तावेज है, बल्कि यह देश की एकता और लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव भी है. उन्होंने जवानों को संविधान में वर्णित मौलिक कर्तव्यों, अधिकारों और नागरिक उत्तरदायित्वों को पूरी निष्ठा के साथ पालन करने की प्रेरणा दी. उन्होंने कहा कि संविधान हमें अपने कर्तव्यों का स्मरण कराता है और देश के प्रति समर्पण की भावना को मजबूत बनाता है. इस अवसर पर कार्यवाहक कमांडेंट ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान को भी विस्तार से बताया. उनके नेतृत्व में बने संविधान ने भारत को एक मजबूत लोकतांत्रिक ढांचा प्रदान किया. कार्यक्रम के अंत में जवानों ने संविधान की रक्षा करने और उसमें निहित आदर्शों को अपने दैनिक कार्यों में उतारने का संकल्प लिया.
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