लू चलने पर मजदूरों की कार्य अवधि सुबह छह से 11 बजे व दोपहर 3ः30 से 6ः30 बजे तक निर्धारित हो
गर्मी के मौसम में जिला में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर डीएम अभिलाषा शर्मा ने बुधवार को सभी अधिकारियों के साथ आवश्यक बैठक की.
जमुई . गर्मी के मौसम में जिला में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने को लेकर डीएम अभिलाषा शर्मा ने बुधवार को सभी अधिकारियों के साथ आवश्यक बैठक की. डीपीआरओ भानु प्रकाश ने कहा कि इस दौरान डीएम सर्वप्रथम हीट वेब (लू) से बचाव के लिए की जा रही तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकाल प्रारंभ होने वाला है. गर्मी के मौसम में भीषण गर्मी के साथ लू चलती है. इस कारण जन-जीवन प्रभावित होता है और आम जनता को स्वास्थ्य एवं पेयजल संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. विशेष कर छोटे-छोटे बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं, काम के लिए घर से बाहर निकलने वाले कामगारों, श्रमिकों को काफी समस्याएं आती है. ऐसे में यह आवश्यक है कि आमजनों को भीषण गर्मी एवं लू से बचाव को लेकर कारगर उपाय एवं कार्रवाई सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार सार्वजनिक स्थलों पर पानी टैंकर की व्यवस्था सुनिश्चित करें. साथ ही सभी दस प्रखंडों में खराब चापाकल/ट्यूवबेल की मरम्मत युद्ध स्तर पर कराएं. उन्होंने कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद जमुई, झाझा, नगर पंचायत सिकंदरा को निर्देश देते हुए कहा कि पानी के टैंकर के कमी को ससमय पूर्ण लें, साथ ही सामुदायिक भवन में लू से बचाव के लिए पंखा एवं कूलर की व्यवस्था की जाये. जहां-जहां प्याउ की व्यवस्था की जाती है वहा शेड की व्यवस्था भी किया जाये. उन्होंने श्रम अधीक्षक को निर्देश देते हुए कहा कि मजदूरों के काम के लिए समय सीमा में परिवर्तित करने का निर्देश पारित करें. साथ ही पंचायतों में लू चलने के दौरान क्या करें, क्या न करें आदि बातों को लेकर प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित किया जाये. लू चलने पर मजदूरों की कार्य अवधि को सुबह 6 बजे से 11 बजे पूर्वाह्न तक तथा अपराह्न 3ः30 बजे से अपराह्न 6ः30 बजे तक निर्धारित किया जाये. सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, सदर अस्पताल, स्कूल प्रबंधन को लू से प्रभावितों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था करें. सभी स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त ओआरएस पैकेट व जीवन रक्षक दवा आदि की व्यवस्था ली जाये. साथ ही आवश्यकतानुसार स्टेटिक व चलंत चिकित्सा दल की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये. जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा गया कि स्कूली बच्चों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए विभागीय निदेशों के अनुरूप विद्यालयों को संचालित किया जाये. गर्मी की स्थिति को देखते हुए सभी स्कूलों में पेयजल, ओआरएस की व्यवस्था की जाये.
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