हाथियों के कहर से कटहराटांड़ के लोगों में दहशत
प्रखंड के दक्षिणी पश्चिमी इलाके में स्थित कटहराटांड़ में बीते शुक्रवार की रात्रि जंगल से निकले हाथियों के झुंड ने बड़ी तबाही मचायी.
भुल्ला टोला में हाथियों के झुंड ने किया कई घरों को पूरी तरह क्षतिग्रस्त
सोनो. प्रखंड के दक्षिणी पश्चिमी इलाके में स्थित कटहराटांड़ में बीते शुक्रवार की रात्रि जंगल से निकले हाथियों के झुंड ने बड़ी तबाही मचायी. हाथियों ने इस गांव के भुल्ला टोला में कई घरों को पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. हाथियों के इस कहर से ग्रामीण दहशत में आ गये और इधर-उधर भागने लगे. आसपास के गांव से जुटे ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से मशाल वगैरह जलाकर किसी तरह हाथियों को गांव से बाहर किया, लेकिन तब तक हाथियों के कहर से कई घर तहस-नहस हो गये. गनीमत रहा कि कोई व्यक्ति हाथियों की चपेट में नहीं आया. ग्रामीणों ने बताया कि समीपवर्ती बटिया जंगल से निकल कर बरनार जलाशय निर्माण स्थल की ओर से ढाई से तीन दर्जन हाथियों का झुंड गांव की ओर आ गया. इससे अफरा-तफरी मच गयी. गुस्साए हाथियों ने कई कच्चे घरों को रौंदते हुए तहस-नहस कर दिया. लोग जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे. रात्रि करीब नौ बजे शुरू हुआ यह उत्पात आधी रात तक जारी रहा. हाथियों ने सबसे पहले विष्णुदेव भुल्ला, बीरेंद्र भुल्ला और गोविंदर भुल्ला के घरों को निशाना बनाया. इन घरों की दीवारों को गिराया और छप्पर उखाड़ दिये. घरों के भीतर रखे खाद्यान्न, बर्तन व अन्य सामान को भी नष्ट कर दिया. गोविंदर भुल्ला के घर घुसे हाथियों ने उनकी बाइक और साइकिल को कुचलकर पूरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. ग्रामीणों ने बताया कि यह वही झुंड है जिसे पिछले कुछ दिनों से चिहरा थाना क्षेत्र के निहालडीह और ठेल पत्थर इलाके में देखा जा रहा था. हाथियों के इस झुंड के द्वारा फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया है. आलू, सरसों, धान और केले की फसलें नष्ट हुई. जब यह झुंड गांव की ओर बढ़ा तब लोगों में भय का माहौल बन गया. महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों में दहशत सबसे ज्यादा बनी रही. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और वन विभाग की टीम गांव पहुंची. वनपाल अनुपम कुमार के नेतृत्व में टीम ने पटाखे, मशाल और ड्रम की आवाज से हाथियों को गांव से दूर भगाने का प्रयास किया. इसमें ग्रामीणों की भी मदद ली गयी. वनपाल ने बताया कि झुंड फिलहाल बामदह की ओर चला गया है, लेकिन टीम लगातार उसकी लोकेशन पर नजर रख रही है. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर पश्चिम बंगाल की विशेष टीम को भी बुलाया जायेगा ताकि झुंड को सुरक्षित जंगल की ओर ले जाया जा सके. इधर, हादसे के बाद ग्रामीण पूरी रात जागते रहे. कई परिवार सुरक्षित स्थानों पर जाकर रुके. गांव में भय का माहौल बना हुआ है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक हाथियों को सुरक्षित जंगल में नहीं भेजा जाता तब तक वे पूरी तरह निश्चिंत नहीं हो सकते. विष्णुदेव भुल्ला, बीरेंद्र भुल्ला और गोविंदर भुल्ला ने वन विभाग व सीओ को आवेदन देकर मुआवजा उपलब्ध कराने की मांग की है.ग्रामीणों का कहना है कि उनके घर पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं और परिवार संकट में है. सीओ प्रशांत शांडिल्य भुल्ला टोला कटहराटांड़ पहुंचकर स्थिति का जायजा लिये. इधर, वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे हाथियों के पास न जाएं और किसी भी मूवमेंट की तुरंत सूचना दें. वन विभाग की टीम क्षेत्र में लगातार निगरानी बनाए हुए है, जबकि कटहराटांड़ सहित समीपवर्ती गांव में अभी भी भय का माहौल है और लोग सहमे हुए है.
—हाथियों के झुंड पर लगातार नजर रखी जा रही है. जरूरत पड़ी तो बाहर से टीम बुलाई जायेगी. लोग हाथियों के नजदीक न जाएं.
अनुपम कुमार, वनपाल, वन प्रक्षेत्र बटियाB
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