दुर्गा मंदिर प्रांगण में कन्या भोज व महा आरती का आयोजन, सैकड़ों श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना
प्रखंड क्षेत्र स्थित अति प्रसिद्ध ऐतिहासिक खैरा दुर्गा मंदिर परिसर में मंगलवार को कन्या महाभोज का आयोजन किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में कुंवारी कन्याओं को खीर का ज्यौनार कराया गया.
खैरा. प्रखंड क्षेत्र स्थित अति प्रसिद्ध ऐतिहासिक खैरा दुर्गा मंदिर परिसर में मंगलवार को कन्या महाभोज का आयोजन किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में कुंवारी कन्याओं को खीर का ज्यौनार कराया गया. मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि हर साल यहां कन्या महाभोज का आयोजन किया जाता है. इसी परिपाटी के अनुसार, मंगलवार को ज्यौनार का आयोजन किया गया था. इसके उपरांत मंगलवार शाम महाआरती का भी आयोजन किया गया. इस धार्मिक कार्यक्रम में खैरा के अलावा नवडीहा, केंडीह, चरघरा और गोपालपुर सहित आसपास के कई गांवों से सैकड़ों महिलाएं और पुरुष शामिल हुए. मंदिर परिसर में आरती शुरू होने से पहले माहौल पूरी तरह भक्तिमय बना रहा. श्रद्धालु हाथों में दीप लिए मां दुर्गा की आराधना में डूबे रहे और जयकारों से वातावरण गूंज उठा. कार्यक्रम की शुरुआत विद्वान पंडित प्रदीप आचार्य द्वारा दुर्गा पाठ से की गयी. उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि मां दुर्गा की आरती में शामिल होना तन और मन को पवित्र करता है. जहां तक आरती की ध्वनि पहुंचती है, वहां तक का वातावरण भी पावन हो जाता है. श्रद्धा के साथ आरती में भाग लेने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और शनिवार तथा मंगलवार ऐसे धार्मिक कार्यों के लिए सर्वोत्तम दिन माने जाते हैं. बताते चलें कि उक्त दुर्गा मंदिर निर्माण से पूर्व ही गढ़ के दक्षिण दिशा में स्थित माता के गहवर में राजा और रानी की कई पीढ़ियां प्रतिदिन प्रातःकाल पूजा-अर्चना और दुर्गा पाठ किया करती थीं. राजा राम नारायण सिंह के शासनकाल में दुर्गा मंदिर का निर्माण हुआ, जबकि अंतिम राजा राजा ग्रुप प्रसाद सिंह अपने जीवनकाल तक गहवर में ही नियमित पूजा करते रहे.
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