अवैध बालू उठाव का आरोप, सैकड़ों ग्रामीण घाट पर पहुंच जताया विरोध
प्रखंड के बरनार नदी स्थित मानधाता बलथर बालू घाट क्लस्टर सात पर मंगलवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचकर बालू उठाव का विरोध करने लगे.
मानधाता बालू घाट पर हंगामा. ग्रामीणों ने लगाया फायरिंग का आरोप, पुलिस ने घटना से किया इंकार
विरोध के दौरान आमने-सामने आये संवेदक कर्मी व ग्रामीणसोनो. प्रखंड के बरनार नदी स्थित मानधाता बलथर बालू घाट क्लस्टर सात पर मंगलवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचकर बालू उठाव का विरोध करने लगे. ग्रामीणों ने संवेदक कर्मियों पर तय मानक से हटकर बालू उठाव का आरोप लगाते हुए बालू खनन रोक दिया. इस कारण संवेदक कर्मी और ग्रामीण आमने-सामने हो गये. ग्रामीणों ने संवेदक कर्मियों द्वारा फायरिंग का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस ने इससे इंकार किया है. मंजरों के ग्रामीणों और संवेदक कर्मियों के बीच भारी तनाव को देखते हुए थानाध्यक्ष सह पुलिस निरीक्षक धर्मेंद्र कुमार के नेतृत्व में मौके पर पुलिस पहुंची और मामले को शांत कराया. घटना की जानकारी मिलते ही सीओ प्रशांत शांडिल्य और खनन निरीक्षक सचिन कुमार भी घाट पर पहुंचे और ग्रामीणों के आरोपों की जांच की. पदाधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया और बताया कि संवेदक द्वारा तय किये गये चिह्नित क्षेत्र से ही बालू का उठाव नियम के तहत करेंगे.
क्या है मामला
मंजरों गांव और घाट के समीप के ग्रामीणों ने संवेदक कर्मियों पर कई आरोप लगाये. तय मानक के विरुद्ध बालू खनन के अलावे नदी जाने वाली महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक स्थिति बनाने का भी आरोप लगाया. इससे पूर्व 21 नवंबर को ग्रामीण ने खनन विभाग के पदाधिकारी को पत्र लिखकर ग्रामीणों की समस्या से अवगत कराया था. ग्रामीणों का कहना था कि नदी किनारे हम सबों की खेती योग्य भूमि है. जिसमें कम से कम एक सौ मीटर दूर ही बालू उठाव होना चाहिए, लेकिन उन सिंचित भूमि के बिल्कुल नजदीक अधिक गहराई कर बालू का उठाव हो रहा है. ग्रामीणों का यह भी कहना है कि नदी किनारे स्थित खेल मैदान और श्मशान घाट भी बालू उठाव से बर्बाद हो जायेगा. ग्रामीणों का कहना है कि नदी का एक हिस्सा उनका पारंपरिक रास्ता है जो खतरे में है. हमारे खेत के बीच रास्ता बनाकर धड़ल्ले से वाहनों की आवाजाही की जा रही है. हमारी खेती बर्बाद हो रही है. हमलोगों की दिनचर्या का निकास भी यही नदी है जहां महिलाओं को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है. इन्हीं कारणों से जब बालू उठाव का विरोध किया गया तब फायरिंग की जाने लगी. वहीं संवेदक कर्मियों ने ग्रामीणों पर रंगदारी मांगने का आरोप लगाया. कर्मियों का कहना है कि रंगदारी देने से इंकार करने पर बालू उठाव रोककर अनावश्यक परेशान किया गया और वाहनों में तोड़फोड़ की गयी. संवेदक की ओर से कुछ ग्रामीणों को नामजद करते हुए अन्य अज्ञात के विरुद्ध सोनो थाना में आवेदन दिया गया है, जबकि ग्रामीणों की ओर से घटना को लेकर अब तक कोई लिखित शिकायत नहीं की गयी है.पदाधिकारियों ने स्थिति को संभाला
घटना के बाद मौके पर पहुंचे खनन इंस्पेक्टर सचिन कुमार, सीओ प्रशांत शांडिल्य, थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने दोनों पक्षों को समझाकर किसी तरह माहौल शांत कराया और बालू उठाव की सीमा चिह्नित की. सीओ ने कहा कि घाट के बिल्कुल सटे गांव में विकास को लेकर खनन विभाग के पास योजनाएं भी है जिसके तहत इस गांव में विकास योजना को धरातल पर लाया जायेगा. वहीं थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं. पुलिस दोनों पक्षों के आरोपों की जांच कर रही है जिसके उपरांत मामले में आगे की कार्रवाई तय की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
