17 लाख की निकासी के पांच साल बाद भी अधूरा फाउंडेशन

बरहट प्रखंड की गूगलडीह पंचायत में पंचायत सरकार भवन निर्माण योजना सरकारी लापरवाही की सबसे बड़ी मिसाल बन चुकी है.

By PANKAJ KUMAR SINGH | November 28, 2025 9:08 PM

बरहट . बरहट प्रखंड की गूगलडीह पंचायत में पंचायत सरकार भवन निर्माण योजना सरकारी लापरवाही की सबसे बड़ी मिसाल बन चुकी है. ग्रामीणों को योजनाओं का लाभ उनके दरवाज़े पर मिले. इसके लिए सरकार ने करोड़ों रुपये स्वीकृत किये थे. लेकिन जिम्मेदार पदाधिकारियों की उदासीनता व जनप्रतिनिधियों की लापरवाही ने इस महत्वाकांक्षी योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया. पंचायत राज विभाग के कर्मियों के अनुसार, 17 लाख रुपये की निकासी को पांच साल बीत चुके. मगर निर्माण स्थल पर अब भी सिर्फ एक अधूरा फाउंडेशन दिखाई देता है. पिलरों में लगायी गयी छड़ें तक गायब हो चुकी हैं और निगरानी संबंधी कोई बोर्ड तक नहीं लगाया गया है. हालत यह है कि फाउंडेशन पर मल-मूत्र तक फैला हुआ है जिससे यह जगह विकास स्थल नहीं, बल्कि उपेक्षा का प्रतीक बन गयी है.

एक करोड़ 11 लाख से बनना था भवन

एक करोड़ 11 लाख की लागत से बनने वाले इस भवन का कार्य वर्ष 2019 में शुरू हुआ था. फाउंडेशन बनने तक तो काम चल रहा था, लेकिन कोरोना का बहाना बनते ही निर्माण पूरी तरह ठप हो गया. इसके बाद न तो समीक्षा हुई न प्रगति. चुनाव हुए जनप्रतिनिधि बदले पदाधिकारी बदले लेकिन योजना जस की तस पड़ी रही. नतीजतन गूगलडीह के ग्रामीण आज भी जाति, आय, निवास, जन्म प्रमाण पत्र, आवास योजना समेत हर जरूरी कार्य के लिए प्रखंड मुख्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. पूर्व मुखिया देवेंद्र मंडल का कहना है कि जितना एमबी बुक था. उतना खर्च कर दिया गया. कोरोना के कारण काम रुक गया और मेरे कार्यकाल के समाप्त होने के बाद आगे काम नहीं बढ़ सका.

जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग

भाजपा नेता ठाकुर जितेंद्र सिंह, श्रवण तांती, प्रेम सिंह समेत कई लोगों ने सवाल उठाये हैं. 17 लाख रुपये खर्च होने के बाद भी जमीन पर सिर्फ फाउंडेशन ही क्यों दिख रहा है. जिम्मेदार कौन है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस लापरवाही के चलते पूरा पंचायत प्रखंड कार्यालय की धूल फांकने को मजबूर है. लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि पूरे मामले की जांच की जाए, दोषीयों पर कार्रवाई हो तथा पंचायत सरकार भवन का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराया जाए.

क्या कहते हैं डीसीसी

उपविकास आयुक्त सुभाष कुमार मंडल ने कहा कि फिलहाल उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. पूरे प्रकरण की जांच कराई जायेगी और जांच के आधार पर उचित कार्रवाई की जायेगी.

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