जंगली हाथियों से फसल बर्बाद, पीड़ित किसान ने सीओ को दिया आवेदन

प्रखंड क्षेत्र में पिछले दिनों 22 से अधिक जंगली हाथियों के झुंड ने जिस तरह उत्पात मचाया था, उसका असर अब साफ दिखने लगा है. हाथियों द्वारा कई गांवों में किसानों की खड़ी फसलें रौंदे जाने से एक दर्जन से ज्यादा किसान प्रभावित हुए हैं.

By PANKAJ KUMAR SINGH | December 1, 2025 8:56 PM

चकाई. प्रखंड क्षेत्र में पिछले दिनों 22 से अधिक जंगली हाथियों के झुंड ने जिस तरह उत्पात मचाया था, उसका असर अब साफ दिखने लगा है. हाथियों द्वारा कई गांवों में किसानों की खड़ी फसलें रौंदे जाने से एक दर्जन से ज्यादा किसान प्रभावित हुए हैं. नावाडीह, मनाकोला, गोशवारा, टोला पहाड़, बोँगी, चीहरा, बेहरा समेत कई गांवों में आलू, धान, कसावा, अरहर, कुर्थी, गेहूं और सरसों जैसी फसलों को भारी क्षति पहुंची है. इसी कड़ी में नावाडीह निवासी इंद्रजीत दास (पिता- हूरो दास) ने अपने फसल नुकसान को लेकर चकाई सीओ राजकिशोर साह को आवेदन सौंपते हुए क्षतिपूर्ति की मांग की है. अपने आवेदन में उन्होंने बताया कि वे महादलित वर्ग से आने वाले गरीब किसान हैं. बीते 24 नवंबर की रात लगभग 23 जंगली हाथियों के झुंड ने उनके गांव के बगल स्थित लगभग एक एकड़ में लगे धान और एक एकड़ में लगी कुर्थी की फसल को रौंदकर पूरी तरह नष्ट कर दिया. नुकसान का अनुमान लगभग एक लाख रुपये लगाया गया है. उन्होंने कहा कि फसल का बीमा नहीं कराया गया था, ऐसे में फसल नष्ट होने के बाद उनके सामने भुखमरी जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. इंद्रजीत दास ने बताया कि हाथियों के खेत में प्रवेश करते ही उन्होंने इसकी सूचना वन विभाग कार्यालय चकाई और चकाई थानाध्यक्ष राकेश कुमार को दी थी. सूचना मिलते ही चकाई रेंजर और वनकर्मियों ने मौके का निरीक्षण किया था और लोगों को हाथियों से दूर रहने की सलाह दी थी. पुलिस टीम भी देर तक मौके पर मौजूद रही और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर रखा. सीओ राजकिशोर साह ने आवेदन प्राप्त करने के बाद किसान को आश्वस्त किया कि मामले को वन विभाग कार्यालय भेज दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि मुआवजा देने की प्रक्रिया वन विभाग द्वारा तय प्रावधानों के अनुसार की जायेगी. पीड़ित किसान ने आवेदन की प्रतिलिपि जिलाधिकारी जमुई, प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा वन कार्यालय चकाई को भी भेजी है. ग्रामीणों ने मांग की है कि क्षेत्र में लगातार हाथियों के प्रवेश को देखते हुए प्रशासन स्थायी समाधान की दिशा में कदम उठाये.

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