बिहार में एससी-एसटी विद्यार्थियों के लिए बनेंगे छात्रावास, नीतीश कैबिनेट में नौ एजेंटों पर मुहर

बुधवार की देर शाम हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गयी. प्रदेश में 136 वैसे प्रखंड हैं, जहां अनुसूचित जाति एवं जनजाति की आबादी 30 हजार से अधिक है. बैठक में कुल नौ प्रस्ताव स्वीकृत किए गये. कैबिनेट ने पोस्ट मैट्रिक की छात्रवृति में आय प्रमाण पत्रों के नियमों में ढील दी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 24, 2022 6:48 AM

पटना. राज्य सरकार 30 हजार से अधिक एससी-एसटी की आबादी वाले प्रखंडों में सौ बेड के छात्रावास का निर्माण करायेगी. बुधवार की देर शाम हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दी गयी. प्रदेश में 136 वैसे प्रखंड हैं, जहां अनुसूचित जाति एवं जनजाति की आबादी 30 हजार से अधिक है. बैठक में कुल नौ प्रस्ताव स्वीकृत किए गये.

तकरीबन सवा घंटे चली बैठक

तकरीबन सवा घंटे चली बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट ने पोस्ट मैट्रिक की छात्रवृति में आय प्रमाण पत्रों के नियमों में ढील दी है. सूत्रों ने बताया कि 2021-22 की छात्रवृति के लिए विद्यार्थियों ने जो आय प्रमाणपत्र सौंपा था, उसी के आधार पर इन छात्रों को 2019-20 और 2020-21 की छात्रवृति भी दी जाएगी. कोविड महामारी की वजह से पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति दो वर्षों से नहीं दी जा सकी थी.

21 अभियंताओं को एक वर्ष का अवधि विस्तार

21 इंजीनियरों को अवधि विस्तार भवन निर्माण विभाग के प्रस्ताव पर विमर्श के बाद मंत्रिमंडल ने गेट परीक्षा उत्तीर्ण और भवन निर्माण विभाग में संविदा पर कार्यरत 21 अभियंताओं को एक वर्ष का अवधि विस्तार दिया है. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर मंत्रिमंडल ने इसीजी, एक्सरे टेक्नीशियन की नई नियुक्ति और सेवा शर्त नियमावली को मंजूरी दी है.

छात्रवृत्ति के लिए नया पोर्टल

एससी-एसटी छात्रवृत्ति के संबंध में आवेदन के लिए शिक्षा विभाग ने एनआईसी से मिलकर अपना नया पोर्टल बनाया है. पहले केंद्र सरकार का पोर्टल था, लेकिन उसे खुलने में बहुत देर होती थी. अब नये पोर्टल से करीब चार लाख एससी-एसटी छात्र-छात्राओं को मैट्रिक के बाद स्कॉलरशिप मिलती थी. इसी तरह की सुविधा पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग के करीब छह लाख छात्र-छात्राओं को दिलवाने की मंजूरी दी गयी है.

कैबिनेट से दूर रहे मुकेश सहनी

नीतीश कैबिनेट की इस बैठक में पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी शामिल नहीं हुए हैं. कैबिनेट की बैठक के दौरान ही मुकेश सहनी की पार्टी के सभी तीन विधायक विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर खुद को भाजपा में विलय करने का अनुरोध किया और उन्हें सदन में भाजपा विधायक के रूप में मान्यता भी दे दी गयर है.

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