gopalganj news. गोपालगंज आयोजना क्षेत्र में शामिल होंगे आसपास के 65 गांव, शुरू हुआ सर्वे
स्टेसलिट सिस्टम एजेंसी विभागों से जुटा रही डाटा, 20 वर्षों की जरूरत का हो रहा आंकलन
गोपालगंज. गोपालगंज आयोजना क्षेत्र के तहत शहर के साथ आसपास के 65 गांवों को टाउनशिप जैसा विकसित करने के लिए सर्वे का कार्य शुरू हो गया है. सर्वे का यह कार्य तीन साल बाद हो रहा. सर्वे के लिए सरकार ने कोलकाता की स्टेसलिट सिस्टम एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी है. एजेंसी आयोजना क्षेत्र के क्षेत्रफल 82.42 वर्ग किमी, जिसमें शहरी क्षेत्र का क्षेत्रफल 11.01 वर्ग किमी एवं ग्रामीण क्षेत्र का क्षेत्रफल 71.41 वर्ग किमी है, में मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर का आंकलन कर रही है. इस आयोजना क्षेत्र के एक शहरी प्रशासनिक इकाई (गोपालगंज नगर परिषद) तथा 65 राजस्व ग्राम, जिसमें गोपालगंज सदर ब्लॉक के 24 राजस्व ग्राम, मांझा के ब्लॉक के 24 राजस्व ग्राम एवं थावे ब्लॉक के 17 राजस्व ग्राम शामिल है की वास्तविक स्थिति क्या है और आने वाले 20 वर्षों में किन चिजों की जरूरत होगी उसका डाटा कलेक्ट किया जा रहा है. विभिन्न विभागों से भी डाटा मांगा गया है. डाटा के हिसाब से ही आगे का मास्टर प्लान बनाकर उसपर व्यवस्थित तरीके से टाउनशिप एरिया को विकसित किया जायेगाआयोजना क्षेत्र प्राधिकार का गठन किया जा चुका है. डीएम अध्यक्षता में बनी कमेटी में मास्टर प्लान के लिए नोडल पदाधिकारी अर्पणा कुमारी, सीइओ इओ अजय कुमार को बनाया गया है. डीडीसी, एडीएम समेत कई अधिकारियों को शामिल किया गया है. यह कमेटी एजेंसी के कार्यों को मॉनीटरिंग कर रही है.
रेलवे से लेकर वाहनों तक का जुटाया जा रहा आंकड़ा
सर्वे में जुटी एजेंसी शहर व आयोजना क्षेत्र में आने वाले गांवों में ट्रेन की सुविधा, रेलवे स्टेशन, वाहनों की संख्या, पार्किंग का इंतजाम, सीवरेज, नाले का निकासी, नाला ओपेन या क्लोज, बिजली, स्ट्रीट लाइट, वाटर लॉगिंग का इंतजाम, एग्रीकल्चर, हॉटिकल्चर, माइनिंग, मछली पालन, पार्क, स्टेडियम जैसे सभी वास्तविक स्थिति का डेटा जुटाने के बाद अगले 20 वर्षों के लिए आयोजना क्षेत्र में विकास का मास्टर प्लान बनाकर सौंपेगी. उसी अनुरूप कार्य होना है.आयोजना क्षेत्र में होंगी कई सारी सुविधाएं
बच्चों के पढ़ने के लिए स्कूलवाहनों के लिए पार्किंग का इंतजाम, जाम से मुक्ति
क्षेत्र में आने- जाने के लिए वाहनों का परिचालननाला, पीसीसी सड़क, स्ट्रीट लाइट का इंतजामसीवरेज व ड्रेनेज सिस्टम विकसित होगाजलजमाव से स्थायी मुक्ति का इंतजाम होगा
प्रदूषण से मुक्ति के लिए ठोस कदम उठाया जायेगापार्क व ग्रीन एरिया डेवलेप किया जायेगामकान भी व्यवस्थित तरीके से बनाने की मंजूरी मिलेगी
इन गांवों को किया गया शामिल
नगर परिषद के पश्चिमी भाग में सदर ब्लॉक के एकडेरवा, कररिया, कोटवा, हिरापाकर, रजोखर राजस्व ग्राम तक. दक्षिण- पूर्वी भाग में मांझा ब्लॉक के दानापुर, जगन्नाथा, दुलदुलिया, छवही सिकमी, जफरटोला, पुरदिलटोला, देवापुरटोला अकिल, इन्दरवां, से होते हुए थावे ब्लॉक के गोपलामठ, हरदिया, एकडेरवा, बगहा सैदा, जगमलवां, गजाधर टोला, रिखई टोला, थावे, बिदेशी टोला राजस्व ग्राम तक. पूरब- उत्तरी भाग में सदर ब्लॉक के नवादा, मानपुरा, कंकड़कुण्ड राजस्व ग्राम से होते हुए मांझा ब्लॉक के डोमहाता, छवही खास, भरूकुइयां राजस्व ग्राम तक. पश्चिम दक्षिण भाग में थावे ब्लॉक के सेमरा, सुन्दरपट्टी राजस्व ग्राम से होते हुए गोपालगंज सदर ब्लॉक के मकुन्दिया, बासडीला खास, बासडीला खाप राजस्व ग्राम तक को शामिल किया गया है.टाउनशिप जैसा विकसित होगा गांव
आयोजना क्षेत्र में शहरों की तरह ही सरकार की योजनाओं से विकसित किया जायेगा. आयोजना क्षेत्र के अधीन पड़ने वाली शहरी प्रशासनिक इकाई एवं राजस्व गांव होकर भी यहां बगैर नक्शा पास कराये मकान नहीं बन सकेगा. पूरी तरह से टाउनशिप जैसा सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी है. अगस्त माह में डीएम पवन कुमार सिन्हा के अध्यक्षता में आयोजना क्षेत्र प्राधिकार की बैठक हो चुकी है. डीएम के स्तर पर सभी विभाग को डेटा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जा चुका है. जिससे सर्वे का कार्य शीघ्र पूरा हो सके.2023 में शहरी आयोजना क्षेत्र हुआ था घोषित
नगर विकास एवं आवास विभाग के पत्रांक 406 दिनांक 31 जनवरी 23 को बिहार शहरी आयोजना तथा विकास अधिनियम, 2012 की धारा-9 एवं बिहार शहरी आयोजना तथा विकास नियमावली, 2014 के नियम-9 के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए बिहार सरकार ने गोपालगंज नगर परिषद एवं इसके आस-पास स्थित महत्वपूर्ण क्षेत्रों एवं शहरी क्षमता वाले ग्रामीण क्षेत्रों के समेकित एवं सुनियोजित विकास के उद्देश्य से अगले 20 वर्षों अथवा इससे विस्तारित अवधि के लिए महायोजना तैयार करने के लिए गोपालगंज आयोजना क्षेत्र घोषित किया जा चुका है.मार्च तक सर्वे पूरा होने के आसार
गोपालगंज आयोजना क्षेत्र का सर्वे का कार्य मार्च तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. सभी विभाग के अधिकारियों से भी डेटा उपलब्ध कराने की अपील किया गया है.अजय कुमार
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