समेकित कृषि प्रणाली का प्रशिक्षण लेने जिले के 20 किसान नालंदा रवाना
कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) की ओर से एक अहम पहल की जा रही है
गोपालगंज. जिले के किसानों को आधुनिक खेती, नई तकनीक और आय बढ़ाने के उन्नत तरीकों से जोड़ने के लिए कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) की ओर से एक अहम पहल की जा रही है. इसके तहत जिले के 18 किसानों और दो नेतृत्वकर्ताओं को राज्य के अंदर आयोजित पांच दिवसीय विशेष कृषि प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए नालंदा भेजा गया. यह प्रशिक्षण 19 दिसंबर तक हरनौत स्थित क्षितिज एग्रोटेक, रेनबो एग्रो पार्क, नेहुसा में आयोजित होगा. आत्मा गोपालगंज के परियोजना निदेशक सह जिला कृषि पदाधिकारी ने आदेश जारी कर बताया है कि यह प्रशिक्षण वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंतर्गत प्राप्त लक्ष्य के अनुरूप आयोजित किया जा रहा है. प्रशिक्षण का मुख्य विषय समेकित कृषि प्रणाली रखा गया है, जिसके अंतर्गत किसानों को खेती के साथ-साथ पशुपालन, मत्स्य पालन, बागवानी, जैविक खेती और संसाधनों के बेहतर उपयोग की जानकारी दी जाएगी.
चार प्रखंडों के किसान शामिल
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के चार प्रखंडों के किसानों को शामिल किया गया है. गोपालगंज प्रखंड से 7 किसान, बरौली से 3 किसान, बैकुण्ठपुर से 4 किसान और सिधवलिया प्रखंड से 4 किसान प्रशिक्षण में भाग लिये है. किसानों के साथ दो सहायक तकनीकी प्रबंधकों को नेतृत्वकर्ता के रूप में नामित कर भेजा गया है, जो पूरे कार्यक्रम के दौरान किसानों का मार्गदर्शन करेंगे.किसानों के आवागमन की पूरी व्यवस्था आत्मा गोपालगंज द्वारा की गई है. प्रशिक्षण के लिए आरक्षित बस 15 दिसंबर को सुबह 5 बजे गोपालगंज प्रखंड से हरनौत, नालंदा के लिए रवाना हुई है. बरौली प्रखंड के किसान सुबह 5:30 बजे बढ़ेया मोड़ पर बस में सवार होंगे, जबकि बैकुण्ठपुर और सिधवलिया प्रखंड के किसान एवं नेतृत्वकर्ता सुबह 6 बजे मोहम्मदपुर, सिधवलिया से बस में शामिल हुए.
आय बढ़ाने में मिलेगी नई दिशा
आत्मा कार्यालय ने सभी संबंधित प्रखंड तकनीकी प्रबंधकों, सहायक तकनीकी प्रबंधकों और प्रखंड कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे आपसी समन्वय बनाकर समय पर किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करें. प्रशिक्षण में शामिल किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए नेतृत्वकर्ताओं को विशेष जिम्मेदारी भी दी गई हैकृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम किसानों को पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर आधुनिक और लाभकारी कृषि की ओर प्रेरित करते हैं. समेकित कृषि प्रणाली अपनाकर किसान कम लागत में अधिक उत्पादन कर सकते हैं और अपनी आमदनी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी कर सकते हैं. आत्मा की यह पहल जिले के किसानों के लिए नई तकनीक सीखने और बेहतर भविष्य की ओर कदम बढ़ाने का अवसर साबित होगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
