हथुआ की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए एकजुट हुआ इलाका

पुलिस की कार्रवाई पर इलाके के लोग उठा रहे सवाल गोपालगंज : थावे थाना क्षेत्र के मीरअलीपुर में बुधवार की देर शाम दहेज को लेकर गर्भवती जूही परवीन की हुई हत्या ने उसके मायके हथुआ थाने के भोजू खान टोला स्थित उसके घर के पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है. मृतका की मां […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 21, 2018 5:23 AM

पुलिस की कार्रवाई पर इलाके के लोग उठा रहे सवाल

गोपालगंज : थावे थाना क्षेत्र के मीरअलीपुर में बुधवार की देर शाम दहेज को लेकर गर्भवती जूही परवीन की हुई हत्या ने उसके मायके हथुआ थाने के भोजू खान टोला स्थित उसके घर के पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है. मृतका की मां शगुफ्ता परवीन का रो-रोकर बुरा हाल है और पिता मोहम्मद बसर अचेत पड़े हुए हैं. नाइजीरिया में काम कर रहे बड़े भाई सबीर अहमद सिद्दीकी और सऊदी अरब में काम कर रहे भाई एकराम सिद्दीकी घर पहुंच चुके हैं. पूरे घर में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है और परिजनों के चीत्कार से पूरा गांव दहल रहा है. वहीं, जूही की मां दहाड़ मारकर रोती हुई बस यही कह रही हैं कि बेटी के हत्यारों को फांसी दी जाये.
पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर जल्द-से-जल्द फांसी दिलवाये. हथुआ की इस बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए इलाके के लोग एकजुट हैं. लोग भी हत्यारों को फांसी की सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं. जबकि कई लोग पुलिस के अब तक की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं. मालूम हो कि बीते बुधवार की शाम ससुराल वालों ने दहेज में दो लाख रुपये नहीं मिलने को लेकर चार माह की गर्भवती बहू जूही परवीन की हत्या कर साक्ष्य मिटाने के लिए उसके शव को उसके ही बेड पर सुला कर केरोसिन डालकर आग लगा दी थी. इसके बाद हत्यारे घर से फरार भी हो गये. वहीं, परिजनों की सूचना पर पहुंची थावे थाने की पुलिस ने मृतका के शव को अपने कब्जे में लेकर सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया.
जबकि, इस मामले में मृतका के चाचा हथुआ थाने के भोजू खान टोला निवासी अधिवक्ता अब्दुल बहाव के बयान पर थावे थाने में मृतका के ससुर तारा हुसैन, सास नूर जन्नत, पति जफर अब्बास, नूर सबीना और ननद गुड़िया के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है. परिजनों ने इस मामले में ससुरालियों पर दो लाख रुपये दहेज की मांग को लेकर जूही को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. साथ ही जूही के पति पर अपनी भाभी के साथ अवैध संबंध रखने का विरोध करने पर हत्या करने का आरोप लगाया था.
हत्या के पहले बेरहमी से की थी पिटाई : जूही परवीन के परिजनों की मानें तो घटना से पहले उसे बेरहमी से पीटा गया था. शरीर पर कई जगह गहरे जख्म पाये गये हैं. शरीर पर जख्म उत्पीड़न की कहानी को बयां कर रहे थे. जूही परवीन के अधिवक्ता चाचा अब्दुल बहाव अब भी सदमे से बाहर नहीं निकल पाये हैं.
जूही के हत्यारोपितों तक नहीं पहुंच सकी पुलिस
जूही के हत्यारोपितों तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है. घटना के दो दिन बाद भी आरोपित पुलिस की पकड़ से बाहर हैं. बहू की हत्या कर शरीर में आग लगाने के बाद ससुराल के सभी लोग फरार हो गये थे. इसके बाद पुलिस ने घर को सील कर दिया था और पुलिस की एक टीम भी बुधवार व गुरुवार की रात वहां तैनात थी. उधर, पुलिस की गठित टीम ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर छापेमारी की, लेकिन कोई हाथ नहीं लगा. पुलिस टीम शुक्रवार की देर शाम तक छापेमारी करती रही. थावे थानाध्यक्ष गौतम कुमार ने बताया कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है. इसके साथ ही कांड के आईओ मामले की छानबीन में भी जुटे हुए हैं. जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
संदिग्ध स्थिति में राजद कार्यकर्ता की मौत, एनएच 28 पर मिला शव
कहां गायब हो गया जीत राम, कहां है बाइक
परिजनों के अनुसार मृतक अपने साथी जीत राम के साथ बाइक पर निकला था. अगर एनएच 28 पर सड़क दुर्घटना हुई तो किसी गाड़ी से हुई. किसी ने देखा की नहीं. जीत राम वहां से कहां गया और दूसरे दिन सुबह में उसने मृतक के परिजनों को अपने आप को घायल होने व सत्यवीर की मौत की सूचना तो दी. लेकिन, उसने अपना इलाज स्थानीय किस अस्पताल में कराया, उसे कितनी गंभीर चोट थी कि सीधे लखनऊ जाना पड़ा. कहीं लखनऊ जाने का बहाना तो उसने नहीं बनाया.
साथ ही जब दोनों बाइक पर सवार थे, तो दुर्घटना के बाद बाइक कहां है. ये सब सवाल मामले को संदिग्ध बना रहे हैं. वहीं पुलिस को भी जीत राम और बाइक की जानकारी नहीं है.वहीं, पुलिस को भी जीत राम कहां है और बाइक कहां है इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है और अनभिज्ञ बता रही है.

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