बोधगया में जारी आंदोलन असंवैधानिक : भदंत हर्षबोधि
बौद्ध भिक्षुओं के एक संगठन के नेतृत्व में बुधवार को इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर में भिक्खु संघ की धम्म सभा आयोजित की गयी.
बोधगया.
महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन को लेकर बोधगया में जारी धरने व इसके विरोध में गोलबंद हो रहे विभिन्न बौद्ध संगठनों की फेहरिस्त में शामिल बौद्ध भिक्षुओं के एक संगठन के नेतृत्व में बुधवार को इंटरनेशनल मेडिटेशन सेंटर में भिक्खु संघ की धम्म सभा आयोजित की गयी. भदंत हर्षबोधि की अगुवाई में आयोजित धम्मसभा में विभिन्न बौद्ध मठों के प्रतिनिधि व प्रभारियों ने शिरकत की. इस दौरान भदंत हर्ष बोधि ने कहा कि वह महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन के समर्थन में हैं, पर जिस तरह से पिछले दिनों से बोधगया में कुछ बौद्ध भिक्षुओं द्वारा धरना दिया जा रहा है, वह असंवैधानिक है. उन्होंने कहा कि वह धरने पर बैठे लोगों का विरोध करते हैं व मुक्ति आंदोलन को जारी रखने के लिए एक कमेटी का गठन किया जायेगा व संवैधानिक तरीके से इसे संचालित किया जायेगा. इस दौरान आंदोलन की रणनीति तय की जायेगी व बोधगया मंदिर प्रबंधन अधिनियम 1949 को रद्द करने व बौद्धों के अधिकारों के हनन को समाप्त कराया जायेगा. इस बीच धरने पर बैठे लोगों के बीच से ही एक व्यक्ति सुशील कुमार पासी ने भी इस जमात में शामिल होते हुए कहा कि उन्होंने धरना दे रहे नेतृत्वकर्ताओं से चंदा लिये जाने व अपने-अपने खाते में रखने का विरोध किया था. इसके एवज में उन्हें जान मारने की धमकी दी गयी है. अब उनके खिलाफ थाने में केस किया जायेगा. धम्मसभा में महाबोधि महाविहार को बौद्धों के हाथों में सौंपे जाने की मांग की कई भिक्षुओं ने वकालत की व इस आंदोलन को संवैधानिक तरीके से आगे बढ़ाने पर बल दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
