प्रमंंडल में 60 फीसदी ही हुई धान की रोपनी

गया : आयुक्त कार्यालय के सभागार में गुरुवार को पंचायतवार सुखाड़ की स्थिति व प्रभावित किसानों को विभिन्न सहायता योजनाओं के अंतर्गत लाभ पहुंचाने के लिए किये जा रहे कार्यों के लिए प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक हुई. बैठक में मगध प्रमंडल के संयुक्त निदेशक (कृषि) ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मगध प्रमंडल के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 23, 2019 7:50 AM

गया : आयुक्त कार्यालय के सभागार में गुरुवार को पंचायतवार सुखाड़ की स्थिति व प्रभावित किसानों को विभिन्न सहायता योजनाओं के अंतर्गत लाभ पहुंचाने के लिए किये जा रहे कार्यों के लिए प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक हुई. बैठक में मगध प्रमंडल के संयुक्त निदेशक (कृषि) ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मगध प्रमंडल के पांचों जिलों के खरीफ फसल अच्छादन खासकर धान रोपनी व वर्षापात की स्थिति से अवगत कराते हुए बताया कि अरवल में 86%, औरंगाबाद में 76%, जहानाबाद में 54%, गया में 49%, नवादा में 35% फसल अच्छादन हुआ है.

कुल मिला कर पूरे प्रमंडल में 60 प्रतिशत रोपनी हुई है. गया जिले के आमस व नवादा जिले की दो पंचायतों में धान की फसल के आच्छादन की स्थिति नगण्य है. इस स्थिति से निबटने के लिए वैकल्पिक खेती की समीक्षा की गयी.
संयुक्त निदेशक द्वारा बताया गया कि अरहर, उड़द, कुलथी व तोरी के बीज की मांग वैकल्पिक खेती के लिए की गयी है. बीज 25 अगस्त तक प्राप्त होने की संभावना है.
उन्होंने कहा कि डीजल अनुदान के लिए ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है. प्रति लीटर डीजल पर 60 रुपये की सब्सिडी तीन पटवन के लिए उपलब्ध करायी जा रही है. साथ ही कृषि इनपुट व फसल सहायता योजना के तहत भी किसानों को सहायता मुहैया कराने के लिए उनकी सूची बनाने की कार्रवाई जारी है.
43000 हेक्टेयर जमीन में नहीं लगी फसल
समीक्षा के दौरान पीएचइडी सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने वैकल्पिक फसल तोरी/राई लगवाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि अरहर, मक्का व कुल्थी से अधिक फायदेमंद तोरी की फसल रहेगी. यह कम समय में तैयार होता है व रवि का फसल भी किसान लगा सकेंगे.
यह नगदी फसल भी है. बैठक में बताया गया कि गया में 43000 हेक्टेयर व नवादा में 51000 हेक्टेयर भूमि पर फसल आच्छादन नहीं हुआ है. आयुक्त ने इसके लिए प्रभावित पंचायतों में किसान चौपाल का आयोजन कर वैकल्पिक फसल लगाने के लिए किसानों को जागरूक करने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी गया व जिला कृषि पदाधिकारी नवादा को दिया.
जलापूर्ति की समीक्षा के दौरान पीएचइडी द्वारा आच्छादित पंचायतों की स्थिति की समीक्षा की गयी. पीएचइडी के सचिव ने गया के कार्यपालक अभियंता पीएचइडी को पांच सितंबर तक सभी 1970 वार्डों में कार्य प्रारंभ करवा देने का निर्देश दिया. साथ ही जहानाबाद के कार्यपालक अभियंता पीएचइडी को भी पांच सितंबर तक सभी वार्डों में कार्य प्रारंभ करवा देने का निर्देश दिया. बैठक में प्रमंडल के जिलों के विधायक, सांसद व अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे.

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