बिहार में एक अप्रैल से लागू होगा चौथा कृषि रोडमैप; दलहन, तेलहन, लेयर फार्मिंग, डेयरी व फिशरीज पर रहेगा फोकस

चौथे कृषि रोडमैप में उत्पादों की मार्केटिंग, ब्रांडिंग और इ-कॉमर्स को बढ़ावा देने वाली योजनाएं भी होंगी. दरअसल इ-कॉमर्स आज के दिन में उत्पादों को वैश्विक बाजार उपलब्ध करवा रहा है, इसको देखते हुए स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग के साथ-साथ पैकेजिंग की स्थानीय स्तर पर करने की व्यवस्था की जा सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2023 12:05 AM

बिहार का चौथा कृषि रोडमैप एक अप्रैल, 2023 से लागू होगा और इसकी अवधि मार्च 2028 तक रहेगी. इसकी तैयारी अंतिम चरण में है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद लगातार इसकी समीक्षा कर रहे हैं. तीसरे कृषि रोडमैप से सीख लेते हुए नये कृषि रोडमैप में इसके फोकस एरिया में बदलाव किया जायेगा. बिहार अब गेहूं, धान और मक्का उत्पादन में सरप्लस होने वाले राज्यों में शामिल हो चुका है, लेकिन तेलहन, दलहन, मिलेट आदि के उत्पादन में अभी भी पीछे है. चौथे कृषि रोडमैप में दलहन, तेलहन, मिलेट, कृषि विविधीकरण, वैल्यूएडिशन, जलवायु अनुकूल कृषि के साथ-साथ लेयर फार्मिंग, डेयरी व फिशरीज पर तो फोकस रहेगा ही, कृषि उद्यमिता और यांत्रिकीकरण का विकास, फसल मांग आधारित बाजार व्यवस्था, समेकित कृषि प्रणाली, कोल्ड स्टोरेज की स्थापना, निजी भंडारगृह प्रोत्साहन, रासायनिक उर्वरक का विकल्प और वैकल्पिक उद्यमों का समावेश करने पर भी जोर दिया जायेगा.

चौर क्षेत्र के विकास के लिए नीचे मछली ऊपर बिजली के उत्पादन की योजना

चौर क्षेत्र के विकास कर मछली उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना है. इसके लिए चौर क्षेत्र के विकास नीति बनायी जा रही है. चौर क्षेत्र के विकास के लिए नीचे मछली ऊपर बिजली के उत्पादन की योजना है. चौर क्षेत्र लीज पर देकर मछली पालन के साथ-साथ सौर ऊर्जा लिए निजी क्षेत्र के बड़े प्लेयर को आमंत्रित किया जायेगा. इसके लिए अनुदान देने की भी व्यवस्था होगी. राज्य में तकरीबन ढ़ाई लाख हेक्टेयर चौर क्षेत्र है. चौथे कृषि रोड मैप के प्रथम वर्ष में पचास हजार हेक्टेयर चौर क्षेत्र विकसित किए जायेंगे.

उत्पादों की मार्केटिंग, ब्रांडिंग और इ-कॉमर्स व निर्यात पर जोर

चौथे कृषि रोडमैप में उत्पादों की मार्केटिंग, ब्रांडिंग और इ-कॉमर्स को बढ़ावा देने वाली योजनाएं भी होंगी. दरअसल इ-कॉमर्स आज के दिन में उत्पादों को वैश्विक बाजार उपलब्ध करवा रहा है, इसको देखते हुए स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग के साथ-साथ पैकेजिंग की स्थानीय स्तर पर करने की व्यवस्था की जा सकती है. राज्य के कई वस्तुओं की मांग देश-दुनिया में काफी है, इसके लिए निर्यात का बढ़ावा देने पर सरकार का ध्यान है.

चौथे कृषि रोडमैप के लिए अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 में किये जायेंगे प्रावधान

अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट बनाने में चौथे कृषि रोडमैप को ध्यान में रखा जायेगा. इसके लिए राशि का भी प्रावधान किया जा सकता है. रोडमैप में शामिल सभी विभागों से संबंधित योजनाओं के लिए अलग-अलग राशि का प्रावधान करने का निर्देश दिया गया है. हर खेत बिजली पहुंचाने के लक्ष्य के साथ-साथ प्रति हेक्टेयर आने वाली लागत को कम करने के लिए भी कुछ नयी योजनाएं बनायी जा रही हैं.

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किसानों को कृषि ऋण सुगमता से उपलब्ध करवाने की योजना

कृषि रोडमैप को सफल बनाने के लिए बैंकों का सहयोग जरूरी है. किसानों को कृषि ऋण सुगम तरीके से उपलब्ध इसके लिए बैंक और किसान के बीच समन्वय कैसे हो इस पर जोर दिया जायेगा. पांच साल में तकरीबन दो लाख करोड़ ऋण की आवश्यकता किसानों को होगी. अभी राज्य के 1.64 करोड़ किसान में महज 10% को भी किसान क्रेडिट कार्ड मिला हुआ है. अधिक -से- अधिक किसानों को केसीसी कैसे मिले, इसके लिए वित्त और कृषि विभाग की भी जिम्मेदारी तय की जायेगी.

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