दरभंगा में अब आकार लेने लगा है तीसरा उपनगर, एयरपोर्ट से सटे इलाके में आसमान पर पहुंचा जमीन का दाम

दरभंगा में एक नया व्यावसायिक सेंटर एयरपोर्ट के आस-पास दिल्ली मोड़ पर विकसित हो रहा है. एयरपोर्ट के दो किलोमीटर के दायरे में जमीन का बाजार मूल्य प्रति बीघा चार करोड़ पार कर गया है. यह बदलाव केवल डेढ़ साल का है.

By Prabhat Khabar | September 23, 2021 12:34 PM

दिल्ली से दरभंगा कहीं भी हो आइए. विकास का पहिया चलते ही जमीन के भाव आसमान छूने लगते हैं. दरभंगा भी इससे अछूता नहीं है. एयरपोर्ट अथवा प्रस्तावित एम्स के आसपास का यही हाल है. पढ़िए बदलाव की इस प्रक्रिया व उसके असर को टटोलती दरभंगा से लौट कर राजदेव पांडेय रिपोर्ट की चौथी कड़ी.

दरभंगा में एक नया व्यावसायिक सेंटर एयरपोर्ट के आस-पास दिल्ली मोड़ पर विकसित हो रहा है. एयरपोर्ट के दो किलोमीटर के दायरे में जमीन का बाजार मूल्य प्रति बीघा चार करोड़ पार कर गया है. यह बदलाव केवल डेढ़ साल का है. यहां जमीन दो से तीन बार खरीदी और बेची जा रही है. पांच साल पहले 14-15 कट्टे वाली जमीन अब 40 से 50 लाख में बिक रही है.

अभी यह इलाका नगर निगम में शामिल नहीं है. अधिकतर जमीन को मुजफ्फरपुर -दरभंगा हाइवे के आने के समय में ही स्थानीय कारोबारी खरीद चुके हैं. अब यही लोग बाहरी निवेशकों को ऊंचे दाम पर बेच रहे हैं. अब छोटे-मोटे व्यावसायी उस इलाके में दुकान बनाने के लिए जमीन खरीदने की स्थिति में नहीं हैं.

जमीन के दाम इन इलाकों में सबसे ज्यादा बढ़े हैं : अजय

दरभंगा के व्यवसायी अजय कुमार पोद्दार बताते हैं कि दिल्ली मोड़ से सटे इलाके में जमीन के दाम प्रति बीघा चार करोड़ तक पहुंच चुके हैं. यहां सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धा होटल उद्योग स्थापित करने को लेकर है. यहां पहला बड़ा होटल इसी साल खुला है. बड़े होटल समूह यहां सर्वे कर चुके हैं.

शहर में अचानक नव धनाढ्य वर्ग अस्तित्व में आ गया है. दरभंगा एयरपोर्ट का समूचा इलाका वासुदेवपुर पंचायत का है. अलीनगर, झरियाही,रानीपुर, विशनपुर, आलमगंज, मौलागंज, शिवधारा, मद्दी बाजार, चक जमाल, भरियाही आदि में जमीन की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखी जा रही है.

होटल और टैक्सी कारोबार का बढ़ता दायरा : बदरे आलम

दरभंगा नगर निगम के उप महापौर रह चुके बदरे आलम का कहना है कि हवाई सेवा शुरू हो जाने से जमीन के दाम में इजाफा स्वाभाविक है. उनका कहना है कि दरभंगा के अमीर लोग जो बाहर धंधा करते थे, अब वे लौट रहे हैं. वे यहीं रह कर होटल और टैक्सी, टूरिज्म इंडस्ट्रीज में पैसा लगा रहे हैं.

यहां के निचले इलाकों की जमीन की कीमत में 25 से 40 फीसदी का इजाफा हो गया है. इसके भराव के बाद कीमत और ऊंची हो जायेगी. इस जोन में होटल इंडस्ट्रीज के बाद सबसे ज्यादा बिजनेस टैक्सी सर्विस की है. बड़ी कंपनियां यहां अपना दफ्तर खोलना चाहती हैं.

एम्स की स्थापना होते ही होगा शहर का विस्तार

दरभंगा के यूनेस्को क्लब के पूर्व अध्यक्ष और मिथिलांचल चैंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव विनोद कुमार पंसारी बताते हैं कि दरभंगा में एम्स की स्थापना की कवायद शुरू हो चुकी है. इससे शहर का एरिया 17 से 20 किमी में बढ़ जायेगा. इस तरह यह शहर अब दो नदियों बागमती और कमला के बीच में आ जायेगा.

पंडासराय से लेकर एयरपोर्ट तक की कुल लंबाई 17 किमी है. वर्तमान में लहेरियासराय से दिल्ली मोड़ की एरियल दूरी 13 किमी है. जुड़वा नगरों दरभंगा और लहेरियासराय के बाद महज एयरपोर्ट की स्थापना हो जाने से अब तीसरा नया उपनगर बसने जा रहा है.

Posted by Ashish Jha

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