Darbhanga News: जयकारे एवं घड़ीघंट के मधुर ध्वनि से गूंज उठा शहर का कोना-कोना

Darbhanga News:शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा के रंग में पूरा शहर रंग गया है. चारों दिशाएं दुर्गा सप्तशती के मंत्र एवं भक्ति गीतों के बोल से गुंजायमान हो रहे हैं.

By PRABHAT KUMAR | September 28, 2025 10:09 PM

Darbhanga News: दरभंगा. शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा के रंग में पूरा शहर रंग गया है. चारों दिशाएं दुर्गा सप्तशती के मंत्र एवं भक्ति गीतों के बोल से गुंजायमान हो रहे हैं. भक्ति की मंदाकिनी चहुंओर से प्रवाहित हो रही है. इस भक्ति रसधार की गति रविवार को बेलन्योति पर विभिन्न पूजा समितियों की ओर से निकली भव्य शोभा यात्रा से और तीव्र हो गयी. माता के जयकारे एवं घड़ी-घंट के मधुर ध्वनि से शहर का कोना-कोना गूंज उठा. शारदीय नवरात्र के सातवें दिन षष्ठी तिथि के मुहूर्त में रविवार की शाम को बेलन्योति के लिए माता की पालकी निकली. पूजन स्थल से पुरोहित की अगुआई में यजमान अपने कंधे पर लेकर माता की पालकी चले. निर्धारित बेल वृक्ष के नीचे पहुंचकर विधिवत पूजा-अर्चना की. बेल को निमंत्रण दिया. चिह्नित बेल पर लाल कपड़ा बांध दिया गया. बता दें कि साेमवार की सुबह चिह्नित बेल को विधिवत तोड़ कर लाया जायेगा. इसके बाद पत्रिका प्रवेश पूजन के संग माता की प्रतिमा को चक्षुदान के पश्चात भक्तों के दर्शनार्थ भगवती का पट खोल दिया जायेगा. इस दौरान जगह-जगह से आज शोभा यात्रा निकली. कटहलबाड़ी, दरभंगा जंक्शन, लहेरियासराय गायत्री मंदिर समेत दर्जनों सार्वजनिक पूजा पंडालों से विशाल कलश शोभा यात्रा निकाली गयी. उत्साह के साथ भगवती स्वरूपा कन्याओं ने इसमें हिस्सा लिया. उल्लेखनीय है कि इस वर्ष नवरात्र 11 दिनों का है. इसलिए आठवें दिन सप्तमी तिथि होने की वजह से भगवती दुर्गा का पट सोमवार को खुलेगा. संध्या काल के बाद अष्टमी तिथि आरंभ हो जाने एवं इसके अगले दिन रात्रि काल में नवमी शुरू होने की वजह से निशा पूजन सोमवार की रात ही विधि-विधानपूर्वक की जायेगी. वहीं महाअष्टमी का उपवास मंगवार को किया जायेगा. अधिकांश महिला श्रद्धालु महाअष्टमी एवं महानवमी पर माता का खोइछा भरती हैं. लिहाजा मंगलवार व बुधवार को पूजा पंडालों के साथ देवी मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ना तय है. इसे ध्यान में रखते हुए पूजा समितियों ने पूर्व तैयारी कर रखी है. दूसरी ओर सार्वजनिक पूजा पंडालों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है. मूर्तिकारों ने माता की प्रतिमा को अंतिम रूप दे दिया है. पूजा पंडालों से भव्यता प्रवाहित होने लगी है. विभिन्न प्रसिद्ध मंदिरों एवं स्थलों की आकृति का नजारा पंडालों से मिलने लगा है. सतरंगी रोशनी से शहर नहा उठा है.

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