न्योता मिला तो राम मंदिर के उद्घाटन पर जायेंगे चंद्रशेखर, जानें फतेह बहादुर के बयान पर क्या बोले शिक्षामंत्री

रामचरितमानस को समाज को बांटने वाला बताकर फजीहत झेल चुके शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि हम हिंदू हैं और राम में हमें विश्वास हैं. उन्होंने कहा कि जो राष्ट्रीय और धार्मिक किताबें हैं, उनमें से जो विवादित अंश हैं, उन्हें हटा देना चाहिए. इसकी लगातार मांग हो रही है.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 1, 2024 5:23 PM

पटना. रामचरितमानस के खिलाफ कभी विवादित बयान देनेवाले बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा है कि अगर उन्हें निमंत्रण मिलेगा तो वो राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा में जरुर जायेंगे. रामचरितमानस को समाज को बांटने वाला बताकर फजीहत झेल चुके शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि हम हिंदू हैं और राम में हमें विश्वास हैं. उन्होंने कहा कि जो राष्ट्रीय और धार्मिक किताबें हैं, उनमें से जो विवादित अंश हैं, उन्हें हटा देना चाहिए. इसकी लगातार मांग हो रही है.

आस्था को ठेस पहुंचाने का काम नहीं हो

राजद कोटे के मंत्री चंद्रशेखर ने हिंदू देवी देवताओं को लेकर विवादित बयान देने वाले अपनी ही पार्टी के विधायक फतेह बहादुर सिंह के बयानों से भी किनारा कर लिया है. प्रो चंद्रशेखर ने कहा कि फतेह बहादुर सिंह क्या कह रहे हैं, यह उनकी व्यक्तिगत सोच है, लेकिन मेरा मानना है कि किसी की आस्था को ठेस पहुंचाने का काम नहीं होना चाहिए. अगर कहीं भी किसी का अपमान होता हो, तो यह अच्छी बात नहीं है. यह आस्था की चीज है कि हिंदू देवी देवता को मानने वाले लोग हों या इस्लाम को मानने वाले लोग हों या क्रिस्चन धर्म को मानने वाले हों. हम अगर हिंदू हैं तो हमारा उसमें विश्वास है.

अपने हिसाब से देवी देवताओं को मानते हैं लोग

फतेह बहादुर सिंह कुछ बोल रहे हैं तो ये उनके व्यक्तिगत विचार और उनकी मानसिक सोच हो सकती है. सभी लोग अपने अपने हिसाब से देवी देवताओं को मानते हैं. कोई बुद्ध को तो कोई राम को मानता है. एक सवाल के जवाब में प्रो चंद्रशेखर ने कहा कि अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर के उद्घाटन का न्योता मिलेगा तो जरूर जाएंगे और नहीं मिला तो नहीं जाएंगे. भगवान तो सर्वव्यापी हैं उन्हें प्राण कौन दे सकता है.

साल के पहले दिन ही सियासत गर्म

डेहरी के आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह द्वारा मंदिरों को लेकर राबड़ी आवास के बाहर विवादित पोस्टर लगाने के बाद साल के पहले दिन सियासत गर्म हो गई. अमूमन आरजेडी विधायकों के ऐसे पोस्टर और बयान पर कभी अपनी सफाई नहीं देती है, लेकिन विवादित पोस्टर को लेकर भारी फजीहत होने के बाद लालू प्रसाद के निर्देश पर राज्यसभा सांसद मनोज झा ने सामने आकर पार्टी की तरफ से सफाई दी है. आरजेडी ने अपने ही विधायक के बयान से किनारा कर लिया है और कहा है कि वह फतेह बहादुर के हर बयान का समर्थन नहीं करती है.

लालू यादव ने लिया संज्ञान, मनोज झा को सौंपर जिम्मेदारी

पोस्टर को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि आरजेडी कार्यकर्ता और विधायक फतेह बहादुर के समर्थक राबड़ी आवास के बाहर आपस में भिड़ गए और डेहरी विधायक के बयानों को लेकर हंगामा किया. विवाद को बढ़ता देख आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने राज्यसभा सांसद मनोज झा को मामले को संभालने का टास्क दिया। जिसके बाद मनोज झा से सामने से आकर पार्टी की तरफ से सफाई दी.

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राजद हर जाति के प्रति सम्मान करती रही है

सांसद मनोज झा ने फतेह बहादुर के विवादित पोस्टर पर सफाई देते हुए कहा कि बीते एक हफ्ते से पूरे देश में सिर्फ महागठबंधन की सरकार गिराई जा रही थी, लेकिन इन सब पर सीएम और तेजस्वी यादव ने विराम लगाया. राजद हर जाति के प्रति सम्मान करती रही है. सावित्री बाई फुले ने जो मंदिर के संदर्भ में कहा, उनके विचारों को लेकर डेहरी विधायक ने कहा है. उस बयान को मंदिर से जोड़ा गया, हम धर्म को दिल में रखते हैं.

मनोज झा ने विवादित बयान को बताया एतिहासिक तथ्य

मनोज झा ने कहा कि हम हे राम वाले लोग है, वंचित शोषित से आने वाले विधायक सावित्री बाई फुले के विचारों को उद्रित किया था, इसे दूसरे मुद्दों से न जोड़ा जाए. जदयू की आपत्ति पर मनोज झा ने कहा कि जदयू के नेता हमारी बात सुनेंगे. वो सावित्री बाई फुले के विचारों को देखें. फतेहबहादुर के विवादित बयानों पर मनोज झा बोले कि एक दल के रूप में फतेह बहादुर के हर बात का समर्थन हम नहीं करते हैं.

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