मोतिहारी: 20 प्रदेशों के 2000 किसान PM के संसदीय क्षेत्र बनारस के लिए निकले,कहा- अन्याय के खिलाफ उठायेंगे आवाज

2 अक्टूबर को गांधी संग्रहालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद किसान बनारस के लिए निकले. किसानों का यह जत्था प्रधानमंत्री से 10 सवालों को लेकर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस तक पदयात्रा करेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2021 5:28 PM

चंपारण सत्याग्रह से प्रेरणा लेकर देशभर के किसानों ने शनिवार को मोतिहारी के पूर्वी चंपारण से लोकनीति सत्याग्रह किसान जनजागरण पदयात्रा की शुरू की. 2 अक्टूबर को गांधी संग्रहालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद किसान बनारस के लिए निकले. किसानों का यह जत्था प्रधानमंत्री से 10 सवालों को लेकर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस तक पदयात्रा करेगी. पदयात्रा में उड़ीसा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार सहित 20 प्रदेशों के लगभाग 2000 किसान प्रतिनिधि शामिल हैं.

किसनों ने क्यों चुना चन्द्रहिया

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले का गांव चंद्रहिया इतिहास में काफी महत्वपूर्ण है. 15 अप्रैल 1917 को गांधी जी मोतिहारी आए थे. वे वहां थे उसी समय उन्हें पता चला कि जसौली पट्टी में अंग्रेज किसानों के साथ अत्याचार कर रहे हैं. गांधी जी किसानों से मिलने हाथी पर सवार होकर चंद्रहिया आए थे. यही कारण है किसानों ने भी अपने आनंदोलन के लिए यह स्थान चुना. किसानों ने यहां पर एक सभा भी की. सभा को किसान नेता अक्षय कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि बिहार के किसानों, नौजवानों को आह्वान किया कि बिहार आंदोलन के लिए जग गया, तो सरकार मजबूर हो जाएगी. पदयात्रा संयोजक हिमांशु तिवारी ने पदयात्रा के लिए उत्तर प्रदेश की तैयारियों की जानकारी दी. सभी का धन्यवाद किसान नेता विजय पांडेय व हरदयाल कुशवाहा ने सामूहिक रूप से किया.

काले कानून रद्द करने की मांग

इस अवसर पर वक्ताओं ने सरकार से तीनों काले कानून रद्द करने तथा पूरे देश के सभी किसानों के व्यापक हित में एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने की केंद्र सरकार से मांग की. इस दौरान स्वामीनाथन आयोग की संतुष्टि के हिसाब से सभी फसलों पर एमएसपी देने की मांग की गई.

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