बक्सर के रामरेखा घाट पर पितरों को तर्पण के लिए उमड़ी भीड़

अमावस्या को ऐसे लोग अपने पितरों का तर्पण करते हैं, जिनको अपने पितरों की जन्मतिथि ज्ञात नहीं

By Prabhat Khabar | September 18, 2020 11:05 PM

बक्सर/चौसा. आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से अमावस्या तक का 15 दिन पुरखों के लिए समर्पित होता है. ऐसे में बक्सर के रामरेखा घाट पर पितरों को तर्पण के लिए गुरुवार को काफी भीड़ रही. लोग विधिवत पूजा अर्चना कर पितरों को याद किया एवं मुंडन कराया. बक्सर के अलावे जिले के कई ग्रामीण इलाकों में भी पितृ पक्ष को लेकर लोग विधि विधान से पूजा अर्चना की.

चौसा प्रतिनिधि के अनुसार जिन लोगों को अपने पितरों की तिथि ज्ञात है वह तो अपने पितरों का तर्पण तिथि विशेष पर करते हैं. लेकिन आखिरी दिन अमावस्या को ऐसे लोग अपने पितरों का तर्पण किया जिनको अपने पितरों की तिथि विशेष ज्ञात नहीं है.

ऐसा माना जाता है कि पिंडदान मोक्ष प्राप्ति का एक सहज और सरल मार्ग है. इससे पितृगण प्रसन्न होकर परिवार को सभी तरह के सुखादि का आशीर्वाद देकर पितृलोक के लिए प्रस्थान कर जाते हैं. चौसा स्थित पवित्र गंगा नदी के तट पर महादेवा गंगा घाट पर पितृ विसर्जन के अवसर पर गुरुवार को हजारों आस्थावान श्रद्धालुओं ने अपने पूर्वजों एवं पितरों को जौ के आटे से बना पिंड, तिल का पिंडदान कर उन्हें तर्पण किया.

गुरुवार को सुबह से चौसा के विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गयी जो अपराह्न तक श्रद्धालु गंगा में स्नान कर पिंडदान तर्पण पूजन-अर्चन का कार्य चलता रहा. श्रद्धालु दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों से विभिन्न वाहनों से गंगा तट पर पहुंच रहे थे. क्षेत्र गंगा तट तथा तालाबों एवं सरोवरों पर श्रद्धालुओं ने स्नान कर अपने पूर्वजों को पिंडदान तर्पण किया.

posted by ashish jha

Next Article

Exit mobile version