बक्सर से ससुराल के लिए निकला था छवि, पहुंच गया पाकिस्तान, 12 वर्षों के भटकाव में भूल चुका है भोजपुरी

12 साल पहले दरवाजे पर हल्की-सी भी आहट होती, तो मां की आंखों की पुतलियां चौड़ी हो जाती थीं. इस उम्मीद में कि लापता बेटा छवि आया होगा या उसकी कोई खबर आयी होगी, लेकिन जब दो साल तक बेटा नहीं आया, तो खुद मां के कहने पर परिजनों ने उसे मरा समझ उसका अंतिम संस्कार कर दिया था.

By Prabhat Khabar Print Desk | April 13, 2022 8:41 AM

चौसा (बक्सर). 12 साल के बाद छवि मुसहर आखिर अपने घर पहुंच गया. उसको देख कर परिवार में जश्न है. हालांकि, इन 12 वर्षों के भटकाव ने छवि में कई बदलाव ला दिये हैं. रहन-सहन और भाव-भंगिमा तो बदली ही है, अब उसे अपनी मातृभाषा भोजपुरी बोलने में भी परेशानी हो रही है. 12 साल पहले दरवाजे पर हल्की-सी भी आहट होती, तो मां की आंखों की पुतलियां चौड़ी हो जाती थीं. इस उम्मीद में कि लापता बेटा छवि आया होगा या उसकी कोई खबर आयी होगी, लेकिन जब दो साल तक बेटा नहीं आया, तो खुद मां के कहने पर परिजनों ने उसे मरा समझ उसका अंतिम संस्कार कर दिया था.

दिसंबर, 2021 में मिली जिंदा होने की सूचना

छवि 2009 में गायब हो गया था. उसके दो साल बाद 2011 में उसकी पत्नी अनीता अपने बच्चे को लेकर मायके चली गयी और दूसरी शादी कर ली. अनीता और छवि की शादी 2007 में हुई थी. दिसंबर, 2021 में गृह मंत्रालय से यह सूचना मिली कि छवि पाकिस्तान के जेल में है, जिसके बाद परिजनों की खुशी का ठिकाना ना रहा.

ससुराल के लिए निकला था छवि, पहुंच गया पाकिस्तान

छवि ने बताया कि 12 साल पूर्व ससुराल आरा जाने के लिए बक्सर से निकला था, पर गलत ट्रेन में बैठ जाने के कारण पंजाब पहुंच गया. वहां से भटकते हुए वह कब सीमा पार कर गया, उसे समझ नहीं आया. वहां किसी तरह लोगों से मांग-मांगकर भोजन आदि करता था. बाद में पाकिस्तानी पुलिस ने उसे पकड़ लिया और गुप्तचर समझ कर जेल में डाल दिया. छवि ने बताया कि वह पाकिस्तान के जेल में वह केवल तीन साल रहे.

पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों में यूं ही भटक रहा

इसके पहले वह पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों में यूं ही भटक रहा था. किसी कुछ दे दिया तो खा लिया. 12 साल पहले के और अब के छवि में भले ही काफी बदलाव हो गये हों, लेकिन न ही छवि और न ही मां वृति ने एक दूसरे को पहचानने में तनिक भी देर नहीं की. मां कभी मिठाई मंगाकर खिलायी, तो कभी समोसा, जैसे उसे मालूम था कि मेरा बेटा भूखा है.

Next Article

Exit mobile version