BPSC Result : पिता की हत्या के बाद भी बेटे ने रखा धैर्य, बना अधिकारी, डीएसपी बनने तक जारी रखेंगे मेहनत

66वीं बीपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले सुल्तानगंज, भागलपुर निवासी अजीत अपने पिता की हत्या किये जाने के बाद भी धैर्य नहीं खोये. लेकिन अजीत को आगे चलकर डीएसपी बनना है.

By Prabhat Khabar Print Desk | August 5, 2022 3:56 PM

66वीं बीपीएससी संयुक्त परीक्षा का अंतिम परिणाम (66th Bpsc Result) आ गया. इस बार भी गांव-कस्बों से कई अभ्यर्थियों ने बाजी मारी. वहीं कई अभ्यर्थी ऐसे भी दिखे जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य नहीं त्यागा और परीक्षा पास करके अधिकारी बने. ऐसा ही एक उदाहरण अंगप्रदेश से आया है जहां भागलपुर के सुल्तानगंज निवासी अजीत कुमार ने बीपीएससी की परीक्षा पास कर ली और प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी बन गये हैं.

186वीं रैंक लाकर बने प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी

बीपीएससी की परीक्षा में 186वीं रैंक हासिल करने वाले सुलतानगंज बालू घाट रोड के कुशवाहा टोला निवासी अजीत कुमार स्व राजेंद्र मंडल के पुत्र हैं. अजीत बेहद मुश्किल घड़ी से गुजरते हुए इस मुकाम को हासिल किये हैं. अजीत ने अपने दूसरे प्रयास में बीपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की है. अजीत का चयन प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी के पद पर हुआ है. अजीत ने इस सफलता को तब हासिल की है जब 2017 में उनके पिता की हत्या एक जमीन विवाद में कर दी गयी थी.

डीएसपी बनने का सपना, फिर देंगे एग्जाम

अजीत 66वीं बीपीएससी में सफल होकर अधिकारी तो बन गये हैं लेकिन उनकी मेहनत जारी रहेगी. दरअसल, अजीत बिहार में डीएसपी बनना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने 67वीं बीपीएससी की तैयारी भी शुरू कर दी है.

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2017 में पिता की हत्या

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में अजीत के पिता की हत्या एक जमीन विवाद में कर दी गयी थी. वो मालदा डिविजन में सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे. अपराधियों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी लेकिन उसके बाद भी अजीत ने धैर्य नहीं खोया.

अजीत का संदेश

अजीत ने बताया कि पिता के निधन के बाद काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी. लगातार लगन और परिश्रम के साथ पढाई जारी रखी. उन्होंने बताया कि जिंदगी में कई मुश्किल दौर आते हैं. लेकिन विपरीत परिस्थिति में धैर्य बनाकर लगन के प्रति समर्पण रखने के बाद लक्ष्य की प्राप्ति निश्चित होती है.

Published By: Thakur Shaktilochan

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