बिहार के भागलपुर में मिला ब्लैक डायमंड, खदान की नीलामी के लिए टेंडर जारी

Bihar News: बिहार के भागलपुर जिले से राज्य के लोगों को बड़ी खुशखबरी मिली है. यहां दो कोयले के खदानों का पता चला है. इन खदानों को काफी गहन अन्वेषण और भूवैज्ञानिक विश्लेषण के बाद खोजा गया है. इसके चालू होने पर बिहार राज्य के राजस्व खाते में बड़े इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 6, 2023 2:20 PM

Bihar News: बिहार के भागलपुर जिले से राज्य के लोगों को बड़ी खुशखबरी मिली है. यहां दो कोयले के खदानों का पता चला है. इन खदानों को काफी गहन अन्वेषण और भूवैज्ञानिक विश्लेषण के बाद खोजा गया है. इसके चालू होने पर बिहार राज्य के राजस्व खाते में बड़े इजाफा होने की संभावना जताई जा रही है. इसके साथ ही उम्मीदें है कि इससे आने वाले समय में बिहार में कोयला भंडारण और भी बेहतर हो सकेगा. यह भी अंदेशा लगाया जा रहा है कि इन खदानों के शुरुआत होने से राज्य के थर्मल पावर स्टेशनों और कोयले पर निर्भर तमाम उद्योगों को कोयला आपूर्ति की समस्या से काफी राहत मिलेगी. इस बात की जानकारी कोयला मंत्रालय के अधिकारी ने की ओर से दी गई है.

सीपीएसई ने किया गहन विश्लेषण

जानकारी के मुताबिक, झारखंड के रांची में स्थित सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज (सीपीएसई) की टीम द्वारा खदान के हर मानकों पर गहन अन्वेषण और भूवैज्ञानिक विश्लेषण किया गया है. इस अन्वेषण के बाद कोल माइन प्लानिंग और डिजाइन इन्सटीच्यूट लिमिटेड ने मिर्जागांव और लक्ष्मीपुर में दो नए कोयले के खदान की खोज की है. आपको बता दें कि सीएमपीडीआई ने बिहार में पहले कोयले के भंडार का पता लगाया था, जो की कहलगांव रेलवे स्टेशन से लगभग 10 किमी की दूरी पर मंदार पर्वत पर मौजूद था. कोयला ब्लॉक को निलामी के लिए भी रखा गया था. लेकिन इसमें कोई बोली लगाने वाला नहीं था.

Also Read: मणिपुर में हिंसा के बीच बिहार के लोगों को सुरक्षित लाने की तैयारी, सीएम नीतीश ने मुख्य सचिव को दिए निर्देश
राज्य के राजस्व में होगा इजाफा 

सीएमपीडीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मिर्जागांव कोयला ब्लॉक का अनुमानित भंडार 2300 मीट्रिक टन है और यह 37 वर्ग किमी में फैला हुआ है. इसके साथ एमपीडीआई के विशेषज्ञों ने बताया कि मिर्जागांव ब्लॉक काफी बड़ा रिजर्व है, इसलिए इसे दो उप-ब्लॉकों में बांटा गया है. बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कोयला खनन से पर्यावरण को चुनौती भी है, साथ ही यह राज्य के राजस्व को बढ़ाने में भी काफी मदद करेगा. इससे थर्मल पावर स्टेशनों और कोयले पर निर्भर उद्योगों को कोयला आपूर्ति में काफी सहयोग प्राप्त होगा.

Next Article

Exit mobile version