Bihar IT Policy को मिली मंजूरी, कंपनियों को निवेश पर 30 करोड़ रुपये तक की मदद, बिजली और किराए पर भी सब्सिडी

कैबिनेट ने सोमवार को बिहार आईटी नीति 2024 को मंजूरी दी है. इस नीति के तहत पांच करोड़ के न्यूनतम फिक्स्ड कैपिटल इनवेस्टमेंट वाली आईटी, आईटीईएस व ईएसडीएम यूनिटों को 30 प्रतिशत का एकमुश्त सपोर्ट दिया जाएगा.

By Prabhat Khabar Print Desk | January 8, 2024 8:49 PM

Bihar IT Policy 2024 : बिहार में आईटी (IT), आईटीईएस व ईएसडीएम उद्योग के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने और रोजगार सृजन को लेकर कैबिनेट ने सोमवार को बिहार आईटी (इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) पालिसी 2024 को स्वीकृति दी है. इस नीति के तहत पांच करोड़ के न्यूनतम फिक्स्ड कैपिटल इनवेस्टमेंट वाली आईटी, आईटीईएस व ईएसडीएम यूनिटों को 30 प्रतिशत का एकमुश्त सपोर्ट दिया जाएगा. जिसकी अधिकतम सीमा 30 करोड़ तक हो सकती है. इसमें सरकार आरबीआई से पंजीकृत बैंक या वित्तीय संस्थानों से इकाई द्वारा लिये गये टर्म लोन पर पात्र इकाइयों को ब्याज अनुदान का रिबर्समेंट भी किया जायेगा. टर्म लोन पर वास्तविक ब्याज दर या 10 प्रतिशत तक का ब्याज दर जो भी कम होगा वह अनुदान के लिए मान्य होगा.

लीज रेंटल सब्सिडी भी देगी सरकार

इस नीति के तहत सरकार लीज रेंटल सब्सिडी भी देगी. इसमें लीज पर लिये गये कार्यालय अथवा व्यावसायिक स्थल से संचालित होने वाली आईटी इकाइयों को वार्षिक लीज किराए की राशि का 50 प्रतिशत रेंटल प्रोत्साहन पांच वर्षों तक प्रतिपूर्ति के रूप में किया जायेगा. इसमें इकाई का कार्य स्थल राज्य में अवस्थित होना चाहिए.

बिजली टैरिफ के भुगतान पर भी सब्सिडी

सरकार द्वारा इस नीति के तहत आइटी इकाइयों को वार्षिक बिजली टैरिफ के भुगतान पर भी सब्सिडी दी जायेगी. आइटी इकाइयों को वार्षिक बिजली बिल पर 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति पांच वर्षों तक लगातार की जाएगी. सरकार द्वारा रोजगार सृजन में भी सब्सिडी दी जायेगी. नियोक्ता के द्वारा इपीएफ और इएसआइ में जमा की गयी राशि की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति की जायेगी.

इसकी अधिकतम सीमा पांच हजार रुपये प्रति कर्मचारी प्रति माह होगी. यह प्रोत्साहन राशि अधिकतम पांच वर्षों तक देय होगी. आइटी नीति के तहत मेगा इकाइयों जिसमें 100 करोड़ से अधिक के निवेश होने या राज्य में कम से कम हजार प्रत्यक्ष आइटी रोजगार सृजन करने पर टेलर मेड पैकेज दिया जायेगा.

इन सेक्टरों में मिलेगा लाभ

इस नीति के तहत आइटी उत्पाद, सॉफ्टेवेयर और सेवाएं, नॉलेज प्रॉसेस आउटसोर्सिंग, कॉल सेंटरसॉफ्टेवेयर विकास केंद्र, चिप निर्माण और डिजाइन, कंप्यूटर या पेरिफेरल्स और अन्य कार्यालय उपकर, सेमीकंडक्टर्स, सर्वर और स्टोरेज डिवाइस, संचार और नेटवर्किंग उपकरण,

ऑटोमेटिव इलेक्ट्रॉनिक, मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर फोटो वोल्टाइक सेल और सौर पैनल, एनिमेशन, एलइडी , वेब डिजाइनिंग, एंबेडेड सॉफ्टवेयर, रक्षा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आइटी प्लेटफॉर्म, ड्रोन निर्माण, ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग जैसे सेक्टर में निवेश करने पर इसका लाभ मिलेगा.

औद्योगिक कोरीडोर के लिए 636 एकड़ जमीन मंजूर

इसके अलावा कैबिनेट ने गया जिले में औद्योगिक कोरीडोर के लिए 636 एकड़ से अधिक जमीन बियाडा को उपलब्ध कराने की मंजूरी दी है. इस जमीन पर इंडस्ट्रीयल मैनूफैक्चरिंग कलस्टर की स्थापना होगी. साथ ही आहर पइन एवं प्राकृतिक जल संसाधनों को संरक्ष्रित करने की शर्त के साथ बियाडा उपयोग कर सकेगा. इसी प्रकार राज्य के 38 सरकारी इंजीनियरिंग कालेज एवं 46 पोलिटेकनिक कालेजों में शैक्षणिक परिसर के निर्माण एवं इंटरनेट आदि की सुविधा के लिए 47.15 करोड़ रुपयेकी मंजूरी दी गयी.

औषधालय के लिए 108 पद स्वीकृत

राज्य के 12 जिले बक्सर, कैमूर, जहानाबाद, जमुई, शेखपुरा, लखीसराय, सुपौल, किशनगंज, लखीसराय, अररिया, बांका, शिवहर और अरवल के होम्योपैथ मेडिकल कालेज के औषधालय के लिए 108 पद स्वीकृत किए गये हैं.

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