Bihar Flood: भागलपुर के दियारा क्षेत्र में जलमग्न हुए हजारों घर, भोजन-पानी व मवेशी चारा के लिए लोग परेशान

Bihar Flood: चंपानाला के आसपास से शहरी क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र के दियारा में हजारों घर जलमग्न हो गये हैं. यहां के लोगों ने सड़क किनारे व ऊंचे स्थानों व मैदानों में अपना शरणस्थली बनाया, लेकिन अबतक उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिल पायी है. यहां के लोगों को भोजन तो दूर पानी के लिए भटकना पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar | September 4, 2022 4:21 AM

भागलपुर: नाथनगर क्षेत्र के अधिकतर गांव रत्तीपुर बेरिया, दिलदारपुर, अजमेरी, मोहनपुर, विशनपुर, बेरिया, रसीदपुर, शंकरपुर दियारा, श्रीरामपुर, गोसाइदासपुर, मथुरापुर, हरिदासपुर गांव का अधिकांश हिस्सा जलमग्न हो गया है. चंपानाला के आसपास से शहरी क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र के दियारा में हजारों घर जलमग्न हो गये हैं. यहां के लोगों ने सड़क किनारे व ऊंचे स्थानों व मैदानों में अपना शरणस्थली बनाया, लेकिन अबतक उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिल पायी है. यहां के लोगों को भोजन तो दूर पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. लोग सामाजिक कार्यकर्ताओं से बार-बार अनुरोध करने को विवश हैं.

ऊंचे स्थान को लोगों ने बनाया आश्रय स्थल

दियारा क्षेत्र के बाढ़ पीड़ितों ने महाशय ड्योढ़ी मैदान को अपना आश्रय स्थल बना लिया है. यहां हजारों लोग जानवरों के साथ रह रहे हैं. इससे जानवर व आदमी में फर्क नहीं रह गया है. कोई सड़क पर तंबू बना कर रहने को विवश है. कोई पानी में मचान या छत पर तंबू बना कर रहने को, तो कोई शहर में विभिन्न स्थानों की शरणस्थली में रहने को विवश हैं. इन गांवों में कई कच्चे मकान ढह गये हैं, जिसमें लाखों की क्षति हुई. कई लोग घर की छत पर जहरीले जीवों के बीच रहने को विवश हैं. शहर के सड़े-गले कचरा का पानी गंगा में बहने से सड़ांध इनकी बड़ी परेशानी का कारण है. बाढ़ पीड़ित रात भर बदबू से परेशान होकर सो भी नहीं पाते. 15 फीसदी घर ऐसे भी थे, जो ऊंचे स्थान पर बनने से पानी नहीं घुसा था, लेकिन उनकी पूरी खेती जलमग्न हो गयी था. सभी सरकारी विद्यालयाें में पानी घुस गया था, जिससे पढ़ाई बाधित थी.

गोसाइदासपुर मार्ग पर घुटना भर पानी

गोसाइदासपुर, राघोपुर, हरिदासपुर, माधोपुर, शाहपुर में आवागमन की समस्या है. इन क्षेत्रों में जाने के लिए चंपा नाला पुल के आगे चंपानाला नदी का पानी घुटने भर बहने लगा है. लोग जान-जोखिम में डाल पैदल पार करने को विवश हैं. शाम होते ही लोगों का आना-जाना बंद हो जाता है. लोगों का कहना है कि कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है.

शौचालय के अभाव में नाला बना सहारा

महाशय ड्योढ़ी में रसीदपुर दियारा, श्रीरामनगर, लालूचक के 500 से अधिक लोगों ने शरण ली है. उनके साथ 300 से अधिक मवेशी हैं. सरकारी सहायता अब तक नहीं मिली. बाढ़ पीड़ितों के लिए न भोजन-पानी की व्यवस्था है और न ही मवेशी के लिए चारा की. सबसे बड़ी समस्या शौचालय व पेयजल की है. लोग शौचालय के अभाव में नाले का सहारा ले रहे हैं. अजमेरीपुर के बाढ़ पीड़ित बिरजू मंडल, रसीदपुर के बिजली मंडल, लल्लू मंडल, अजय कुमार ने बताया कि शौचालय नहीं होने पर पुरुष तो कहीं जुगाड़ कर लेते, लेकिन महिलाओं को बहुत दिक्कत हो रही है. सभी लोग अंधेरा होने का इंतजार करते हैं, ताकि कहीं कोने-कातर में शौच कर सकें.

मवेशी का चारा खरीद रहे, पानी खरीदना संभव नहीं

शरण स्थली के लोग पीने व अन्य काम के लिए पानी जहां-तहां से जुटा रहे हैं, लेकिन मवेशी को पानी का अभाव हो रहा है. चिलचिलाती धूप में भैंस, गाय व बकरी को अधिक प्यास लगती है. यहां चापाकल तो है, लेकिन पानी नहीं आ रहा है. मवेशी के लिए भूसा की कोई व्यवस्था नहीं है. भूसा बाजार से खरीदकर ला रहे हैं.

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