बिहार के बच्चों ने रचा इतिहास, 5 मिनट में सॉल्व कर दिए मैथ्स के 300 सवाल
बिहार: रविवार को ज्ञान भवन और बापू सभागार में आयोजित प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने केवल पांच मिनट में लगभग 300 अंकगणितीय प्रश्न हल कर दिया. यह क्षेत्रीय प्रतियोगिता राष्ट्रीय प्रॉडिजी प्रतियोगिता के 24वें संस्करण की पूर्व तैयारी का हिस्सा है, जो कुछ महीनों बाद राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाएगी.

बिहार के सैकड़ों बच्चों ने अंकगणितीय प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया. ज्ञान भवन और बापू सभागार में रविवार को आयोजित प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने केवल पांच मिनट में लगभग 300 अंकगणितीय प्रश्न हल कर अपनी मानसिक गणना क्षमता, एकाग्रता, गति तथा सटीकता का प्रदर्शन किया. प्रतियोगिता में राज्यभर से चयनित कुल 1450 से अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया.
11 लेवल पर हुई परीक्षा
प्रतियोगिता में 5 से 14 वर्ष के बच्चों ने उम्र और वर्ग के अनुसार अलग-अलग स्तरों में भाग लिया. इसके तहत कुल 11 स्तर की परीक्षा आयोजित हुई, जिनमें से प्रत्येक स्तर में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 4-4 बच्चों को चुना गया. इसके साथ ही, न्यूनतम प्रदर्शन मानदंड को पूरा करने वाले बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया. इस अवसर पर लगभग 4000 से अधिक लोगों की उपस्थिति रही, जिनमें प्रतिभागियों के अलावा उनके अभिभावक एवं संचालन से जुड़े एक्सपर्ट शामिल थे. आयोजन एसआईपी अबेकस नाम की संस्था द्वारा किया गया था.
राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाएगी प्रतियोगिता
यह क्षेत्रीय प्रतियोगिता राष्ट्रीय प्रॉडिजी प्रतियोगिता के 24वें संस्करण की पूर्व तैयारी का हिस्सा है, जो कुछ महीनों बाद राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाएगी. गौरतलब है कि एसआईपी अबेकस की इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता को अब तक पाँच बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान मिल चुका है.
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बच्चों की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है: सुबोजीत मलिक
कार्यक्रम के दौरान आयोजन से जुड़े सुबोजीत मलिक ने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं बच्चों को अनुभव एवं मंच प्रदान करती हैं, जिससे उनकी गणनात्मक गति, सटीकता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है. आयोजन समिति के शांतनु बनर्जी ने आयोजन की सफलता पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताए बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु अत्यंत आवश्यक हैं. बिहार के बच्चों की सक्रिय भागीदारी ने हमारी उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन किया है. वहीं कबीर खान ने कहा कि यह प्रतियोगिता न केवल बच्चों के शैक्षणिक विकास का माध्यम है, बल्कि आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धात्मक भावना को भी प्रोत्साहित करती है.