bhagalpur news. पुलिस की बर्बरता की शिकार महिला पहली बार आयी मीडिया के सामने
ललमटिया थाने के पूर्व थानेदार राजीव रंजन द्वारा रिटायर्ड डीएसपी की बेटी, पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर की पत्नी और डिप्टी कमांडेंट की बहन ज्योति भारती को जेल भेजने मामले में पहली बार पीड़िता मीडिया के सामने आयी
ललमटिया थाने के पूर्व थानेदार राजीव रंजन द्वारा रिटायर्ड डीएसपी की बेटी, पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर की पत्नी और डिप्टी कमांडेंट की बहन ज्योति भारती को जेल भेजने मामले में पहली बार पीड़िता मीडिया के सामने आयी. इस दौरान उन्होंने घटना के बारे विस्तार से बताया. कहा कि उनके घर के पास शराब के नाम पर पुलिस 18 मई को छापेमारी कर रही थी. इस दौरान पुलिस महिलाओं व बच्चों को मार रही थी. हल्ला गुल्ला सुनकर वह बाहर निकली और पीटने का कारण पूछा तो पुलिस कर्मी उनसे उलझ गये. कुछ देर बाद तत्कालीन थानेदार राजीव रंजन उनके घर आए और उन्हें दबोच लिया. इस दौरान खींचातानी में उनके कपड़े भी फट गये. उसी अवस्था में उनका बाल पकड़ कर करीब दो सौ मीटर तक जानवर के तरह घसीटते थाने ले गये. थाने में महिला एसआइ नेहा कुमारी ने फटे कपड़े देख भद्दी-भद्दी कमेंट कर रही थी. वही राजीव रंजन, मुंशी नियाज आलम व अन्य पुलिसकर्मियों ने जातिसूचक गाली देते हुए कहा कि इन सब का मन बहुत बढ़ गया है, इसे थाने में नंगा घुमाओ. कहा कि पुलिस ने बेरहमी से पिटाई की. बताया कि रात को करीब डेढ़ बजे डीएसपी थाना आए, जिससे उन्होंने सारी कहानी बतायी, लकिन उन्होंने एक नहीं सुनी. डीएसपी को बताया कि उनकी मां का पैर टूटा है, घर में कोई नहीं है. उन्हें मां को देखने के लिए घर जाने दें, तो डीएसपी ने कहा कि अगल बगल वाले है ना वो सेवा कर देंगे. इसके बाद कागज पर हस्ताक्षर कराया गया और अगले दिन जेल भेज दिया गया. कहा कि हमारी जब्त मोबाइल अबतक नहीं मिला है. बताया कि उनके डिप्टी कमांडेंट (आइटीबीपी) भाई ने वरीय अधिकारियों से फोन पर व आकर शिकायत की, लेकिन किसी ने पूर्व थानेदार के खिलाफ कार्रवाई नही की. पुलिस के इस कार्यशैली के कारण नाथनगर छोड़ बाहर रह रही है. इस घटना के कारण भाई ने अपनी जान भी दे दी. डिप्टी कमांडेंट ने लेटर पैड पर लिखा है सुसाइड नोट पीड़िता ने बताया कि उनके साथ हुए घटना और थानेदार पर कार्रवाई नहीं होने के कारण डिप्टी कमांडेंट भाई आयुष दीपक सदमे में चला गया और उसने पटियाला में आत्महत्या कर ली. उन्होंने अपने लेटर पैड पर सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें थानेदार को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं जेल से निकलने के बाद ज्योति भारती ने भागलपुर के एससीएसटी कोर्ट में थानेदार के खिलाफ केस दर्ज कराया है.
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