Bhagalpur News: तिलकामांझी विश्वविद्यालय में 8 साल से अटकी है डी-लिट की पढ़ाई, छात्र लगा रहे हैं चक्कर

भागलपुर के तिलकामांझी विश्विद्यालय में आठ साल से डी-लिट की पढ़ाई अटकी है. छात्र डी-लिट की पढ़ाई को ले विवि का चक्कर लगा रहे हैं. विवि में वर्ष 2014 से ही डी-लिट की पढ़ाई बंद है.

By Prabhat Khabar | April 19, 2022 7:45 AM

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में डी-लिट की पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राएं आठ साल से विवि का दौड़ लगा रहे हैं. विवि में वर्ष 2014 से ही डी-लिट की पढ़ाई बंद है. नये रेगुलेशन को लेकर राजभवन से अबतक अनुमति नहीं मिल पा रही है. विवि के अधिकारी बता नहीं पा रहे हैं कि डी-लिट की पढ़ाई कब से शुरू होगी.

डी-लिट की पढ़ाई व उपाधि दिलाने के लिए विवि में माफिया कर रहा था काम

विवि सूत्रों के अनुसार 2014 से पूर्व 1966 के रेगुलेशन से विवि में डी-लिट की पढ़ाई करायी जा रही थी. रेगुलेशन आसान होने पर डी-लिट के लिए जमा करने वाले प्रस्ताव में एक ही विषय को बदल-बदल कर रखा जा रहा था. डी-लिट की पढ़ाई व उपाधि दिलाने के लिए विवि में माफिया काम कर रहा था. इस पर पाबंदी लगाने के लिए 2014 में कुलपति प्रो रमा शंकर दुबे के कार्यकाल में नया रेगुलेशन तैयार किया गया था. एकेडमिक काउंसिल से रेगुलेशन को मंजूरी मिली. सिंडिकेट में भी प्रस्ताव रखा गया था. इसके बाद अंतिम मुहर के लिए राजभवन को भेजना था.

रेगुलेशन राजभवन को भेजा गया है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं

विवि के एक अधिकारी ने बताया कि रेगुलेशन को लेकर कोई जानकारी संबंधित शाखा से नहीं मिल रही है. रेगुलेशन राजभवन को भेजा गया है, या नहीं. इसकी स्पष्ट जानकारी संबंधित विभाग से भी नहीं दी जा रही है. सीनेट सदस्य जयप्रित मिश्रा ने कहा कि डी-लिट का नया रेगुलेशन राजभवन से अविलंब जारी किया जाये.

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रेगुलेशन जारी नहीं होने से छात्रों का नुकसान

रेगुलेशन जारी नहीं होने से छात्रों का नुकसान हो रहा है. विवि प्रशासन को मामला को गंभीरता से लेना चाहिये. दूसरी तरफ एबीवीपी के छात्र नेता कुणाल पांडे ने कहा कि टीएमबीयू में डी-लीट कोर्स वर्ष 2014 से ही बंद है. छात्र डि-लीट नहीं कर पा रहे हैं. उच्च शिक्षा में कोर्स बंद होना छात्रों के लिए नुकसान दायक है. विवि अभिलंब रेगुलेशन पारित करें या राजभवन के प्रत्याशा में डी-लीट कोर्स चालू करें. मांग पूरी नहीं होने पर छात्रों हित को देखते हुए परिषद आंदोलन करेगा.

रजिस्ट्रार बोले…

रिसर्च शाखा से पता लगाया जायेगा कि डी-लिट का मामला कहां फंसा है. जानकारी मिलने पर आगे की प्रक्रिया की जायेगी. पूर्व से पुराने रेगुलेशन के तहत डी-लिट की पढ़ाई करायी जा रही थी.

डॉ निरंजन प्रसाद यादव, रजिस्ट्रार

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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