Bhagalpur news स्कूल में सजा के रूप में उठक बैठक करने से छात्रा की हालत गंभीर
आदर्श मवि धरहरा में छह की छात्रा को वर्ग में सहेली से बात करने पर स्कूल के शिक्षक ने सजा में कान पकड़ कर उठक बैठक करायी
गोपालपुर आदर्श मवि धरहरा में छह की छात्रा को वर्ग में सहेली से बात करने पर स्कूल के शिक्षक ने सजा के रूप में 101 बार कान पकड़ कर उठक बैठक करने को कहा. छात्रा ने शिक्षक से गुहार लगायी कि वह नहीं कर पायेगी. इस पर शिक्षक और कठोर हो 202 बार कान पकड़ कर उठक बैठक करने को कहा. मजबूरन छात्रा को कान पकड़ कर उठक बैठक करना पड़ा. इस दौरान छात्रा बेहोश होकर गिर पड़ी और उसके मुंह से झाग निकलने लगा. शिक्षक छात्रा को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने के बजाय उसे एक घंटा तक कुर्सी पर बैठाये रखा. एक घंटा के बाद प्रभारी प्रधानाध्यापिका शशिकला देवी छात्रा की मां खुशी देवी को फोन कर कहा कि आपकी बच्ची बीमार हो गयी है. छात्रा को शिक्षक इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने के बजाय उसकी बहन के साथ टोटो पर बैठा कर घर भेज दिया. घर पहुंचने पर छात्रा की तबीयत और बिगड़ गयी. छात्रा को इलाज के लिए अनुमंडल अस्पताल नगवछिया में भर्ती करवाया गया. अस्पताल में मौजूद चिकित्सक मोहन कुमार यादव ने छात्रा का इलाज किया. छात्रा की स्थिति गंभीर देख बेहतर इलाज के लिए भागलपुर अस्पताल रेफर कर दिया. छात्रा बोलने का प्रयास कर रही है, किंतु उसके मुंह से आवाज नहीं निकल रही है. छात्र ठीक से खड़ी भी नहीं हो पा रही है. छात्रा की मां खुशी देवी के अनुसार रोजाना की तरह गुरुवार की सुबह छात्रा खाना खाकर स्कूल गयी थी. दोपहर बाद स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने फोन कर कहा कि आपकी पुत्री बीमार हो गयी है. आप उसे ले जाइए. शिक्षकों ने मेरी पुत्री को टोटो पर लाद कर घर भेज दिया. छात्रा के साथ मेरी दूसरी पुत्री भी थी. दूसरी पुत्री भी उसी विद्यालय में वर्ग आठ में पढ़ती है. घर पहुंचने के बाद छात्रा की बहन ने सारी बात बतायी. छात्रा का पूरा शरीर ठंडा पड़ा था. हाथ-पैर अकड़ा हुआ था. इलाज के लिए तत्काल अनुमंडल अस्पताल नवगछिया पहुंचाया. शिक्षक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए थाना में आवेदन दिया जायेगा. घटना के बाद ग्रामीण विद्यालय पहुंच कर हंगामा कर शिक्षक से जवाब मांगा है. प्रभारी प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने बतायी कि बच्ची पहले से बीमार थी. उसके अभिभावक को फोन कर बताया गया था कि बच्ची की तबीयत खराब है, आप उसे घर लेकर जाइए. लेकिन अभिभावक स्कूल नहीं पहुंचे. हमलोगों ने बच्ची को टोटो पर उसकी बहन के साथ घर भेजा. बच्ची सुरक्षित घर पहुंची थी. प्रधानाध्यापक उमेश सिंह ने बताया कि मैं छुट्टी पर था. परिजनों ने घटना की जानकारी दी. प्रभारी प्रधानाध्यापक ने प्राथमिकता के आधार पर उक्त छात्रा का समुचित इलाज कराने की सलाह दे घटना की जांच कर संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी. किस परिस्थिति में इस तरह की घटना हुई है, विद्यालय पहुंचने के बाद ही बता सकते हैं. बीआरसी से बताया गया कि संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक से जानकारी मांगी गयी है. इस संबंध में डीइओ से पक्ष जानने का प्रयास किया, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.
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