गंगा में गंदा पानी का बहाव रोकें : डीएम

डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने शुक्रवार को जिला गंगा समिति की बैठक की. वरीय उपसमाहर्ता कृष्ण मुरारी ने बताया कि गंगा को पुनर्जीवित करने, पुनः गंगा की धारा को अविरल व निर्मल करने के लिए विभिन्न विभागों के लिए कार्ययोजना बनायी गयी है. इसमें वर्षा व नाली का पानी सीधे गंगा में नहीं जायेगा.

By Prabhat Khabar Print | May 24, 2024 8:54 PM

डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने शुक्रवार को जिला गंगा समिति की बैठक की. वरीय उपसमाहर्ता कृष्ण मुरारी ने बताया कि गंगा को पुनर्जीवित करने, पुनः गंगा की धारा को अविरल व निर्मल करने के लिए विभिन्न विभागों के लिए कार्ययोजना बनायी गयी है. इसमें वर्षा व नाली का पानी सीधे गंगा में नहीं जायेगा. सहायक नदियों को पुनर्जीवित किया जायेगा. गंगा किनारे पौधरोपण किया जायेगा. डीएम ने वन विभाग को कार्ययोजना बनाने कहा. उस योजना पर सभी विभाग कार्य करेंगे. गंगा में गंदा पानी का बहाव रोकने का निर्देश दिया गया. बैठक में डीडीसी कुमार अनुराग, वन प्रमंडल पदाधिकारी कुमारी श्वेता आदि मौजूद थे.

चार हाटों की आम डाक से बंदोबस्ती छह जून को

जिले के चार हाटों की खुली आम डाक से बंदोबस्ती छह जून को अपर समाहर्ता कार्यालय में की जायेगी. न्यूनतम डाक वक्ता के भाग नहीं लेने पर सात जून को और इस दिन भी डाक नहीं होने पर आठ जून को डाक की जायेगी. गुदरी हाट, नाथनगर की सुरक्षित जमा राशि 1000500 रुपये, शाहकुंड हाट की सुरक्षित जमा राशि 718323 रुपये, अकबरनगर राजस्व हाट की राशि 693918 रुपये और ढोलबज्जा हाट, नवगछिया की सुरक्षित जमा राशि 576610 रुपये है.

26 पंचायत सरकार भवनों की चिह्नित भूमि की होगी जांच, कमेटी गठित

जिले में 26 पंचायत सरकार भवन निर्माण के लिए चिह्नित की गयी जमीन मानक के अनुरूप नहीं है. कहीं पहुंच पथ नहीं है. कहीं गड्ढे हैं. अतिक्रमण व विवादित जमीन भी है. जमीन पर काफी घना पेड़ होने के कारण सीमांकन कार्य करना संभव नहीं हो पा रहा है. ये सारे भूखंड संबंधित सीओ ने चिह्नित कर दिया है. जमीन मानक के अनुरूप नहीं होने के कारण निर्माण कार्य फंस गया है. ऐसी सारी भूमि की सूची तैयार कर ली गयी. साथ ही डीएम ने जमीन की जांच करने के लिए शुक्रवार को कमेटी का गठन किया है. कमेटी में संबंधित बीडीओ, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, सीओ, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के कार्यपालक अभियंता व नवगछिया के कनीय अभियंता को शामिल किया गया है. निर्देश दिया गया है कि भूमि में जो भी दिक्कत है, उसका निराकरण करते हुए सीमांकन कार्य सात दिनों के अंदर करायेंगे. सीमांकन करना संभव नहीं होने पर भूमि का प्रस्ताव उपलब्ध कराने कहा गया है.

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