Eid 2022: ईद को लेकर बाजार में बढ़ी रौनक, रोजेदारों की पहली पसंद बनी बांग्लादेशी टोपी

Eid 2022: ईद को लेकर बाजार की रौनक बढ़ गयी है. महिलाएं जहां डिजाइनर सूट, साड़ी, साज-सज्जा के सामान खरीदने में जुटी हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | April 26, 2022 5:41 PM

Eid 2022: ईद को लेकर बाजार की रौनक बढ़ गयी है. महिलाएं जहां डिजाइनर सूट, साड़ी, साज-सज्जा के सामान खरीदने में जुटी हैं. वहीं दूसरी ओर पुरुष भी कुर्ता-पायजमा, शर्ट, पैंट, टोपी, चप्पल आदि की खरीदारी में व्यस्त हैं. इस साल बाजार में फिल्म ‘रईस’ का कुर्ता और बांग्लादेशी टोपी की मांग बढ़ी है. हालांकि, बाजार में रामपुरी और मुंबइया टोपी के अलावा पाकिस्तानी टोपी भी ग्राहकों को लुभा रहा है.

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लखनवी चिकन और अशरफी कुर्ता की मांग सबसे ज्यादा

ईद के मौके पर लखनवी चिकन और अशरफी कुर्ता की मांग सबसे ज्यादा है. गर्मी में कुर्ता पहनना हलका होता है. इसलिए कई रंगों में कुर्ता बाजार में उतारा गया है. बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए कुर्ता बाजार में उपलब्ध हैं. इसके अलावा मुंबई का अध्धी कुर्ता, लखनवी कुर्ता, लिनेन कुर्ता, बच्चों और बड़ों के लिए प्रिंस कोट कुर्ता समेत कई रंगों में शेरवानी भी बाजार में उपलब्ध है. इसके अलावा मलेशियाई लूंगी भी लोगों को खूब भा रही है.

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बाजार में 25 रुपये से 500 रुपये तक टोपी उपलब्ध

ईद के बाजार में सबसे ज्यादा भीड़ टोपी को लेकर है. बाजार में बांग्लादेशी टोपी की मांग काफी बढ़ गयी है. हालांकि, रामपुरी और मुंबइया टोपी की मांग भी है. बांग्लादेश टोपी 50-200 रुपये तक की है. रामपुरी टोपी 25-100 रुपये और मुंबईया टोपी 25-500 रुपये तक की बाजार में उपलब्ध है. वहीं, पाकिस्तान से मंगायी गयी टोपी भी लोगों की पसंद बनी हुई है.

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बांग्लादेशी टोपी रोजेदारों की पहली पसंद

बाजार में सबसे ज्यादा मांग बांग्लादेशी टोपी की है. यह रोजेदारों की पहली पसंद बनी हुई है. बाजार में हर तबके के लिए बेहतर और किफायती टोपियां उपलब्ध हैं. कॉटन के धागे से बनी बांग्लादेशी टोपी युवाओं की पहली पसंद हैं. बांग्लादेशी टोपी का डिजायन काफी आकर्षक होता है. यह बारीक धागे से बनी होती है. साथ ही इस पर फूल-पत्तियों की बूटी बनायी गयी होती है. बच्चों के लिए भी बांग्लादेशी टोपी छोटे साइज में उपलब्ध है.

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नवाबों की रामपुरी टोपी की मांग बढ़ी

नवाबों के शहर की सिर्फ रामपुरी चाकू ही खास पहचान नहीं है. रामपुरी टोपी भी अपनी खास पहचान बनाये हुए है. यह टोपी नवाबों के नाम से बिकती है. नवाबों के दौर से ही रामपुर में टोपी बनायी जाती रही है. इस टोपी को बनाने में खास मखमल का इस्तेमाल होता है. नवाबी दौर में आनेवाले मेहमान भी रामपुरी टोपी पहनकर आते थे. रामपुरी टोपी की बनावट काफी खूबसूरत होती है. इसे बनानेवाले कारीगर भी खास होते हैं. जरी-जरदोजी कार्य वाली रामपुरी टोपी भी बाजार में उपलब्ध है.

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कई रंगों और डिजाइन में उपलब्ध है मुंबइया टोपी

मुंबइया टोपी की मांग भी ईद को लेकर बढ़ी है. मुंबइया टोपी में रेशम का काम ज्यादा होता है. यह दूर से ही काफी चमकदार होता है. यह कई रंगों और डिजाइन में बाजार में उपलब्ध है. मुंबइया टोपी भी रोजेदारों को काफी लुभा रही है. रेशम के धागों का उपयोग होने से यह जल्दी गंदा भी नहीं होता है. इसे साफ करना भी काफी आसान होता है.

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