प्रभु की कृपा से जो प्राप्त, वही पर्याप्त है : आचार्य शुभम जी
सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें व अंतिम दिन प्रवचन के दौरान आचार्य शुभम जी महाराज ने कहा जो प्राप्त है वही पर्याप्त है
कहलगांव. धन और यश कितना भी हो किंतु जीवन में जब-तक संतोष रूपी धन नहीं आ जाता तब तक हम गरीब ही कहलाते हैं. उक्त बातें कलगीगंज गांव में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें व अंतिम दिन प्रवचन के दौरान आचार्य शुभम जी महाराज ने कहीं. उन्होंने कहा कि भगवान की दृष्टि में कोई बड़ा और छोटा नहीं होता है. भगवान समदर्शी हैं और सबको बराबर दृष्टि से ही देखते हैं. भगवान की दृष्टि में सब एक समान है. महाराज जी ने सुदामा जी महाराज का सुंदर चरित्र श्रवण कराते हुए समस्त श्रोताओं को उपदेश दिया कि भगवान समदर्शी हैं. सुदामा जी महाराज जैसे अकिंचन भक्त को भी अपनी शरण प्रदान करते हैं, स्वीकार करते हैं. उन्होंने बताया कि जब तक हमारे जीवन में संतोष रूपी धन नहीं आ जाता, तब तक चाहे जितना भी धन व यश कमा लें, हम इस संसार के सबसे बड़े गरीब कहलाते हैं. जिस दिन हमारे अंदर संतोष आ जायेगा कि प्रभु की कृपा से जो प्राप्त, वही पर्याप्त है. यह भावना जब आ जायेगी, तो इस संसार के सबसे बड़े अमीर हम कहलायेंगे. भगवान सर्व समर्थ हैं सब कुछ करने वाले हैं. उनकी लीलाओं , उनके चरित्र पर हमें किसी भी प्रकार का संशय नहींं करनी चाहिए. मौके पर बड़ी संख्या में महिला धर्मप्रेमी उपस्थित थी. अकबरनगर खेरैहिया पंचायत के बसंतपुर फुलवरिया में शनिवार से शुरू होने वाले श्रीश्री 1008 एकादश दिवसीय महा विष्णु यज्ञ को लेकर शुक्रवार को गाजे-बाजे के साथ भव्य कलश शोभायात्रा जय श्री राम के जयकारों के साथ निकाली गयी. पांच हजार से अधिक महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने भाग लिया. घोड़ा व गाजे बाजे के साथ भव्य कलश शोभायात्रा यज्ञ स्थल से सुलतानगंज गंगा घाट के लिए प्रस्थान किया. सभी श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर कलश भरा. माथे पर कलश रख कलश शोभायात्रा सुलतानगंज उत्तरवाहिनी गंगा घाट से रवाना होकर तिलकपुर, महेशी, इंग्लिश, पैन, अकबरनगर होते 10 किलोमीटर की दूरी तय कर फुलवरिया स्थित यज्ञ स्थल पहुंची. यज्ञस्थल पर पहुंचने के बाद पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण कर कलश को स्थापित करवाया. श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया. 11 से 21 मई तक 11 दिवसीय श्रीश्री 1008 महाविष्णु यज्ञ का आयोजन होगा. यज्ञ स्थल पर आकर्षक मंडप के साथ विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित की गयी है. श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए यज्ञ कमेटी बनायी गयी है. यज्ञ में विभिन्न तरह के झूले लगाये गये हैं. श्रीश्री 1008 महाविष्णु यज्ञ का उद्घाटन 11 मई शनिवार को विधिवत रूप से किया जायेगा. यज्ञ को लेकर आसपास के विभिन्न क्षेत्रों में भक्ति का माहौल है.
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