माओवादियों ने शुरू किया पूर्वी बिहार बंद

भागलपुर : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी की ओर से मंगलवार को संदिग्ध नक्सली घनश्याम की रिहाई की मांग को लेकर पूर्वी बिहार में आपातकालीन बंद की घोषणा की है. संगठन जोनल प्रवक्ता अविनाश ने फोन पर कहा कि भागलपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किये गये माओवादी समर्थक और छात्र नेता घनश्याम उर्फ घुमना, प्रो विलक्षण […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 10, 2016 7:23 AM
भागलपुर : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी की ओर से मंगलवार को संदिग्ध नक्सली घनश्याम की रिहाई की मांग को लेकर पूर्वी बिहार में आपातकालीन बंद की घोषणा की है.
संगठन जोनल प्रवक्ता अविनाश ने फोन पर कहा कि भागलपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किये गये माओवादी समर्थक और छात्र नेता घनश्याम उर्फ घुमना, प्रो विलक्षण रविदास, कपिलदेव मंडल व प्रहरी अर्जुन पासवान को हिरासत में लेकर यातना देना अनुचित है. हम रिहाई की मांग करते हैं.
ऐसा नहीं करने के विरोध में पूर्वी बिहार जोनल कमेटी अभी से आपातकालीन पूर्वी बिहार बंद का आह्वान करती है. साथ ही कहा कि घनश्याम की रिहाई तक पूर्वी बिहार में बंदी जारी रहेगी. अविनाश ने कहा कि पूरे देश में या पूरी दुनिया में अधिकतर लोग माओवादी विचारधारा के समर्थक हैं.
उसी प्रकार घनश्याम, कपिलदेव मंडल, प्रॉक्टर प्रो विलक्षण रविदास एवं प्रहरी अर्जुन पासवान भी माओवादी समर्थक हैं. ऐसे में क्या सभी को गिरफ्तार किया जायेगा और जेल में डाल दिया जायेगा. साथ ही बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी नक्सली साहित्य पढ़ने, किसी विचारधारा को मानने, विचार व अभिव्यक्ति रूप में किसी का समर्थक होने से कोई गुनाहगार नहीं होता. घनश्याम के पास भी नक्सली साहित्य व प्रचार-प्रसार के सामान मिले हैं. तब कैसे उसे गिरफ्तार किया गया.
चिराग दा को फर्जी मुठभेड़ में मारने का आरोप
जोनल प्रवक्ता अविनाश ने बताया कि नक्सली नेता चिराग दा को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मारा है, न कि मुठभेड़ में. पुलिस समय-समय पर माओवादी समर्थकों को यातना देती है. पुलिस अधिकारी अपना पद व प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए फर्जी मुठभेड़ में माओवादियों को साजिश के तहत मार देती है. उन्हें डर है कि उनके अन्य समर्थकों को भी इसी नाम पर पुलिस यातना तो नहीं दे रही है और बाद में मारने की साजिश रच रही है.

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