संसार सागर से पार लगानेवाले नाविक हैं गुरु

संसार सागर से पार लगानेवाले नाविक हैं गुरु-रामचरितमानस नवाह् परायण एवं भागवत कथा का तीसरा दिनफोटो नंबर :संवाददाता,भागलपुरगुरु की महिमा अनंत है. उनकी संगति से ही जीवात्मा को सद्गति मिलती है. सभी एक मत से यह स्वीकारते भी हैं कि गुरु ही एकमात्र ऐसे नाविक हैं, जो इस संसार सागर से जीवात्मा को पार लगा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2015 6:57 PM

संसार सागर से पार लगानेवाले नाविक हैं गुरु-रामचरितमानस नवाह् परायण एवं भागवत कथा का तीसरा दिनफोटो नंबर :संवाददाता,भागलपुरगुरु की महिमा अनंत है. उनकी संगति से ही जीवात्मा को सद्गति मिलती है. सभी एक मत से यह स्वीकारते भी हैं कि गुरु ही एकमात्र ऐसे नाविक हैं, जो इस संसार सागर से जीवात्मा को पार लगा सकते हैं. गुरु अपने शिष्य को ज्ञान का मार्ग दिखाने के साथ-साथ उसकी चेतना का विस्तार भी करता है. उक्त बातें बनारस से पधारे बाल व्यास पंडित व्यास विजय शंकर चतुर्वेदी ने मंगलवार को बूढ़ानाथ मंदिर परिसर में रामचरित मानस नवाह परायण पाठ एवं भागवत कथा के तीसरे दिन प्रवचन में कही. संध्याकालीन सत्र में बनारस के पंडित ओम प्रकाश ने भजन गाकर माहौल को और भक्तिमय कर दिया. उज्जैन के शांति स्वरूपानंद महाराज ने भागवत कथा में सती चरित्र का वर्णन किया. इस मौके पर प्रभुदयाल टिबड़ेबाल, श्यामा प्रसाद घोष, दीपक घोष, अभय घोष सोनू, धरणीधर मिश्रा, अवधनारायण प्रसाद, सुभाष कर्ण, चंदन कर्ण, एके दत्ता, प्रणव दास, प्रो केशरी प्रसाद सिंह आदि उपस्थित थे.